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    Home»Top Story»पुण्यतिथि विशेषः जेब में इस्तीफा लेकर घूमते थे डॉ कलाम
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    पुण्यतिथि विशेषः जेब में इस्तीफा लेकर घूमते थे डॉ कलाम

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskJuly 27, 2018Updated:July 27, 2018No Comments3 Mins Read
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    Chikmagalur: A child kisses former President APJ Abdul Kalam's photo at Chikmagalur in Karnataka on Wednesday. PTI Photo(PTI7_29_2015_000255B)
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    नयी दिल्ली। मिसाइल मैन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने अपना पूरा जीवन सादगी और साधारण तरीके से बिताया। कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम न सिर्फ एक महान वैज्ञानिक, प्रेरणादायक नेता थे बल्कि अद्भुत इंसान भी थे। उन्होंने जिन लोगों के साथ भी काम किया उनके दिलों को छू लिया। दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कहा था। 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिल्लांग में अध्यापन कार्य के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, शिलांग में ‘पृथ्‍वी को रहने लायक कैसे बेहतर बनाया जाए’ टॉपिक पर लेक्चर दे रहे थे, जब वे स्टेज पर ही गिर पड़े थे।

    डॉ. कलाम की जिंदगी से जुड़े कुछ प्रेरणादायक प्रसंग
    1. एक बार डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) में उनकी टीम बिल्डिंग की सुरक्षा को लेकर चर्चा कर रही थी। टीम ने सुझाव दिया कि बिल्डिंग की दीवार पर कांच के टुकड़े लगा देने चाहिए लेकिन डॉ कलाम ने टीम के इस सुझाव को ठुकरा दिया और कहा कि अगर हम ऐसा करेंगे तो इस दीवार पर पक्षी नहीं बैठेंगे।

    2. डीआरडीओ के पूर्व चीफ की मानें तो ‘अग्नि’ मिसाइल के टेस्ट के समय कलाम काफी नर्वस थे। उन दिनों वे अपना इस्तीफा अपने साथ लिए घूमते थे। उनका कहना था कि अगर कुछ भी गलत हुआ तो वे इसकी जिम्मेदारी लेंगे और अपना पद छोड़ देंगे।

    3. एक बार कुछ नौजवानों ने डॉ कलाम से मिलने की इच्छा जताई इसके लिए उन्होंने उनके ऑफिस में एक पत्र लिखा। कलाम ने राष्ट्रपति भवन के पर्सनल चैंबर में उन युवाओं से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि काफी समय उनके साथ गुजार कर उनके आइडियाज भी सुनें। आपको बता दें कि डॉ कलाम ने पूरे भारत में घूमकर करीब 1 करोड़ 70 लाख युवाओं से मुलाकात की थी।

    4. डीआरडीओ में काम का काफी दवाब रहता था। एक बार साथ में काम करने वाला एक वैज्ञानिक उनके पास आया और बोला कि उसे समय से पहले घर जाना है। दरअसल वैज्ञानिक को अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखानी थी। डॉ कलाम ने उसे अनुमति दे दी लेकिन काम के चक्कर में वह भूल गया कि उसे जल्दी घर जाना है। बाद में उसे बड़ा बुरा लगा कि वो अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने नहीं ले जा सका। जब वह घर गया तो पता चला कि कलाम के कहने पर मैनेजर उसके बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने ले जा चुका था।

    • डॉ. कलाम के ये मंत्र जो करियर और लाइफ को करते हैं मोटिवेट
    • जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जाएं, मान लीजिए आप कामयाब हो गए।
    • इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
    • देश का अच्छा दिमाग क्लास रूम की आखिरी बेंच पर भी मिल सकता है।
    • आप अपने काम से प्यार करें, कंपनी से नहीं क्योंकि आप नहीं जानते कब आपकी कंपनी आपको प्यार करना बंद कर दे।
    • अपनी पहली समफलता के बाद आराम मत करो क्योंकि दूसरी बार में असफल हुए तो बहुत से होंठ ये कहने के इंतजार में होंगे कि आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी।
    • सपने वो नहीं जो आप सोते समय देखते हैं, बल्कि सपने वो हैं जो आपको सोने नहीं देते।
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