झारखंड का लुटेरा पढ़ा रहा शालीनता का पाठ
सीएनटी-एसपीटी एक्ट का सबसे ज्यादा किया उल्लंघन
हमारे नाम से बीस बाइ चालीस का एक मकान है, और कोई हो तो बतायें
रांची। मानसून सत्र के अंतिम दिन शनिवार को नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के बिगड़े बोल विधानसभा में सुनायी पड़े। हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि जिस तरह से मोहम्मद गजनवी ने दूसरे देश से आकर भारत के मंदिरों को लूटा था, उसी तरह ये लूट कर चले जायेंगे। हेमंत सोरेन ने सीएम रघुवर दास को प्रवासी भी बता दिया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने आपत्ति जतायी। कहा कि नेता प्रतिपक्ष सीएम को डकैत बता रहे हैं। सीएम को कह रहे हैं कि झारखंड को लूटा है। नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सीएम की जन्मभूमि और कर्मभूमि से सभी वाकिफ हैं। विपक्ष को भी इसकी जानकारी होनी चाहिए। झारखंड को किसने लूटा है, किसी से छिपा नहीं है। हेमंत सोरेन द्वारा गजनवी का उदाहरण दिये जाने को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने सदन में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन पर जम कर भड़ास निकाली।
सीएम रघुवर दास ने कहा कि सदन में विपक्ष लालकृष्ण आडवाणी का उदाहरण दे रहा है। वह शालीनता का पाठ पढ़ा रहा है। अध्यक्ष महोदय, मैं कहना चाहता हूं कि जिसने झारखंड को सबसे ज्यादा लूटा, झारखंड को बेचा, सीएनटी-एसपीटी का सबसे ज्यादा उल्लंघन किया, वह आज उपदेश दे रहा है। हेमंत सोरेन ने एक दिन में छह-छह रजिस्ट्री करवायी। झारखंड के तमाम बड़े शहरों में करोड़ों का बड़ा-बड़ा भूखंड कौड़ियों के मोल खरीदा, वह हमें शालीनता का पाठ पढ़ा है। आदिवासियों की जमीन उसने कौड़ियों के भाव हड़पी है। सीएम ने कहा कि अध्यक्ष महोदय, मैं चुनौती देता हूं कि लंबे समय से राजनीति में हूं। हमारे पास बीस बाइ चालीस का एक घर है। इससे ज्यादा जमीन-मकान हमारे नाम से निकाल दें, तो समझ जायेंगे।
अध्यक्ष महोदय, 81 विधानसभा क्षेत्र से लोग जीत कर आये हैं। पिछले दो सत्रों में जिस तरह से सदन को विपक्ष ने बाधित किया है। इसके बाद विधानसभा का प्रश्नकाल, अल्पसूचित और शून्यकाल का क्या मतलब है। जनता के सवालों की हत्या कर दी जा रही है। जनहित के मामले पर बहस नहीं हो पा रही है। यह जनता के साथ नाइंसाफी है।
हमारी जमीन हम ही लूटेंगे: हेमंत
इस पर हेमंत सोरेन भी तमतमाते हुए उठे और कहा कि हमारी ही जमीन और हम ही लूटेंगे, यह क्या बात हुई। उन्होंने चिल्लाते हुए कहा- जिसका बाप दादा बाहर से आकर लूट रहा है, वह न बताये। हेमंत के कहने का अर्थ था-झारखंड सिर्फ उन्हीं का है।
जनहित के सवाल नहीं आने का दर्द छलका
पिछले कई सत्र से हर दिन सदन के बाधित होने के कारण मुख्यमंत्री रघुवर दास मर्माहत दिखे। जनहित के सवाल नहीं आने का दर्द उनके चेहरे पर झलक रहा था। एक ओर मुख्यमंत्री ने जहां तथ्यों के साथ हेमंत सोरेन को कठघरे में खड़ा किया, वहीं हेमंत सोरेन ने शब्दों के जाल में मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की। जब तीखी बहस हो रही थी, तो विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव शांत कराने की कोशिश कर रहे थे। दोनों ही पक्ष के विधायक रह-रह कर शेम-शेम के नारे लगा रहे थे।