रांची। राजधानी रांची के बोड़ेया से सटे कांके ब्लॉक में आर्थिक तंगी के चलते एक ही परिवार के सात लोगों ने आत्महत्या कर ली। यह परिवार मूल रूप से मुंगेर जिले का चिरैयाबाग निवासी था। एक ही परिवार के सात लोगों की मौत से राजधानी स्तब्ध है। रांची में एक निजी कंपनी में काम करनेवाले दीपक झा ने अपने छोटे भाई रूपेश के साथ मिल कर अपने माता-पिता, पत्नी और दो बच्चो की हत्या कर खुद भी फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। दीपक और रूपेश ने अपने परिवार के पांच सदस्यों की पहले हत्या की और फिर पांचों शवों को एक कमरे में रख कर उसी कमरे में रूपेश ने आत्महत्या कर ली, जबकि दीपक ने दूसरे कमरे में जा कर फांसी लगा ली।
दो सुसाइड नोट मिले एक 15 पेज का और दूसरा दो पन्ने का
मामले की जांच में जुटी पुलिस को दो सुसाइड नोट मिले हैं। एक कमरे से 15 पन्ने का और दूसरे से दो पेज का। सुसाइड नोट में आत्महत्या की कई वजहों का जिक्र किया गया है। सुसाइड नोट के अनुसार दीपक और रूपेश जिस कंपनी में काम किया करते थे, उस कंपनी में गबन हुआ था। दोनों भाइयों को डर था कि उन्हें इस मामले में फंसा दिया जायेगा। इस वजह से पूरा परिवार परेशान था। मृतकों में दीपक झा (45), पत्नी सोनी (40), बेटी दृष्टि (5), बेटा जंगू (1 साल), दीपक का छोटा भाई रूपेश (30), दीपक के पिता सच्चिदानंद झा (65) और मां गायत्री देवी (55) शामिल हैं। बच्चे के इलाज में 20 लाख खर्च, कर्ज का बोझ सुसाइड नोट में दीपक झा ने इस बात का भी जिक्र किया है कि उनका डेढ़ साल का बेटा जंगू मस्तिष्क की गंभीर बीमारी से ग्रसित था। उसके इलाज में 20 लाख रुपये से अधिक की रकम खर्च हो चुकी थी। इस वजह से बाजार में काफी कर्ज हो गया था।
पिता रिटायर रेलवे कर्मचारी थे
दीपक के पिता रेलवे से रिटायर थे। वह अपने दोनों बेटे के साथ रांची में किराये के मकान में रहते थे। उन्हें लगभग 20 हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलते थे। बच्चे की बीमारी में सारे पैसे खर्च हो जाया करते थे। स्कूल फी, दूध, किराना दुकान तक में था बकाया रांची डीआइजी ने बताया कि सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र है कि उक्त परिवार कर्ज में डूब चुका था। तंगी इतनी थी कि उनके पास बच्चों की स्कूल फीस, दूध और किराना के पैसे देने के लिए भी रकम नहीं जुट रही थी।
बहन नहीं आयी देखने
जांच के क्रम में यह भी पता चला है कि दीपक झा की छोटी बहन संध्या ने कांके में ही एक दूसरी जाति के युवक से प्रेम विवाह कर लिया था। इसके बाद से दीपक झा के परिवारवालों ने उसके जीते जी ही उसका दाह संस्कार कर क्रियाकर्म तक कर दिया था। अपने पूरे परिवार की मौत की सूचना पाकर भी घर की बेटी संध्या मौके पर नहीं आयी। कांके की घटना पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन को मामले की त्वरित जांच कर सत्य का उद्भेदन करने का निर्देश दिया।