रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वर्षों से झारखंड के लोगों की मांग को रविवार को मूर्त रूप दिया। उन्होंने झारखंडवासियों को आधुनिक ट्रॉमा सेंटर की सौगात दी। अलग राज्य गठन के बाद से ही इसकी मांग की जा रही थी। ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के साथ ही एम्स की तर्ज पर रिम्स की स्वास्थ्य सेवाओं को पंख लग गये। झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के लिए रविवार का दिन बेहद खास रहा। यहां अत्यावधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रॉमा सेंटर शुरू हो गया। रिम्स कैंपस में एक सादे समारोह में एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, छात्रावास और ट्रॉमा सेंटर का शुभारंभ मुख्यमंत्री रघुवर दास और केंद्रीय राज्यमंत्री आरके सिंह ने किया। मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह तथा स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने लोगों की सहूलियतें बढ़ाने पर जोर दिया। स्वास्थ्य सचिव तथा रिम्स निदेशक ने इस क्रम में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को और बेहतर बनाने पर बल दिया।
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23 सितंबर तक 57 लाख परिवारों को पांच लाख का नि:शुल्क गोल्डेन कार्ड
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना का शुभारंभ झारखंड से 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री ने किया था। सरकार ने इस योजना में राज्य के 57 लाख परिवारों को लाभान्वित करने के लिए चार सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रवधान बजट में किया। अब तक 32 लाख गरीब परिवारों को गोल्डेन कार्ड दिया गया है। करीब 25 लाख परिवार अब भी इस कार्ड से वंचित हैं। 23 सितंबर 2019 तक राज्य के सभी 57 लाख परिवारों को पांच लाख के स्वास्थ्य बीमा योजना से आच्छादित कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि रिम्स और सदर अस्पताल ने इस योजना पर बेहतर कार्य किया है।
रिम्स झारखंड का मुकुट और गौरव
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि रिम्स झारखंड का गौरव है, मुकुट है। रिम्स आधुनिक सुविधाओं से युक्त संस्थान के तौर पर अपनी पहचान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि रिम्स आधुनिक तकनीकों से युक्त संस्थान के रूप में जाना जाये, इसे ध्यान में रखकर 23.82 करोड़ की लागत से निर्मित प्रशासनिक भवन, 64 करोड़ की लागत से निर्मित ट्रॉमा सेंटर और 89.70 लाख की लागत से छात्राओं के लिए निर्मित हॉस्टल का उद्घाटन किया गया। मरीजों के साथ रिम्स आने वाले परिजनों को परेशानी न हो, इसके लिए 245 बेड के विश्राम सदन की आधारशिला भी सीएम ने रखी। इसका निर्माण 15 करोड़ की लागत से 15 महीने में होगा।
गरीब मरीजों के परिजनों को समर्पित है विश्राम सदन
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिम्स में ज्यादातर गरीब मरीज इलाज कराने आते हैं और उनके साथ उनके परिजन भी होते हैं। रिम्स में परिजनों के ठहरने की उचित व्यवस्था नहीं होने की जानकारी मुझे थी। गरीब मरीजों के परिजनों को होटल या किराये में रहने से उन पर आर्थिक बोझ पड़ता है। उनकी इस पीड़ा को कम करने के उद्देश्य से ही विश्राम सदन बनवाया जा रहा है, जो गरीब मरीजों के परिजनों को समर्पित होगा।
108 एंबुलेंस सेवा की चर्चित और सफल कहानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा चर्चा में है। यह जरूरतमंदों को समय पर अपनी सेवा देकर परोपकार की कहानी कह रहा है। इस बात का दंभ नहीं, लेकिन 108 एंबुलेंस सेवा ने अब तक करीब 2.50 लाख लोगों को अपनी सेवा दे चुका है। सबसे अधिक लाभ राज्य के गरीब और जनजाति क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है।

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