रांची। टेरर फंडिंग मामले में एनआइए की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में एनआइए ने गिरिडीह से 25 लाख के इनामी माओवादी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार माओवादी झारखंड-बिहार स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य सुनील मांझी उर्फ सुनील सोरेन है। वह गिरिडीह के मधुबन के लहरबेड़ा का रहने वाला है। एनआइए की टीम सुनील को कब्जे में लेने के बाद गिरिडीह से रांची लौट आयी है। यहां उसे एनआइए की विशेष अदालत में पेश किया गया। झारखंड-बिहार में सुनील मांझी ने कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है।
रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मी की गिरफ्तारी के बाद से ही कस रहा है शिकंजा
गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र के केसवारी निवासी बनवारी यादव का बेटा मनोज कुमार 21 जनवरी 2018 को गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से लेवी के छह लाख रुपये की बरामदगी एवं नक्सलियों से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे। मनोज कुमार रामकृपाल सिंह कंस्ट्क्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कर्मचारी था। वह गिरिडीह में कंस्ट्रक्शन फर्म और माओवादियों के बीच की कड़ी था। वह कंस्ट्रक्शन कंपनियों से लेवी वसूलकर माओवादी कृष्णा दा उर्फ कृष्णा हांसदा उर्फ कृष्णा मांझी उर्फ अविनाश दा को पहुंचाता था, जिससे माओवादी हथियार खरीदते थे और अपने कैडर का विस्तार करते थे।
छह लाख रुपये व आपत्तिजनक दस्तावेज के साथ गिरफ्तारी के बाद रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मी मनोज कुमार व नक्सली कृष्णा हांसदा पर गिरिडीह के डुमरी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसी केस को टेकओवर करते हुए एनआइए ने नया केस दर्ज किया और अनुसंधान शुरू किया था। माओवादी कृष्णा दा अभी फरार है।