Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, May 25
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»मां के सुनाए एक शेर ने जगदीप को कभी हारने नहीं दिया
    Top Story

    मां के सुनाए एक शेर ने जगदीप को कभी हारने नहीं दिया

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskJuly 9, 2020Updated:July 9, 2020No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    नई दिल्ली : दिग्गज एक्टर जगदीप अब हमारे बीच नहीं रहे. जगदीप का बुधवार रात उनके घर पर निधन हो गया. उनकी उम्र 81 साल थी. जगदीप ने अपनी जिंदगी में बहुत मुश्किलों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी, वो बस चलते चले गए. एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी मां के द्वारा कहे गए शेर का जिक्र किया था और बताया था कि कैसे उस शेर ने उन्हें कभी हारने नहीं दिया.

    जगदीप ने कहा था-”मैंने जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है. मेरी मां ने मुझे समझाया था. एक बार बॉम्बे में बहुत तेज तूफान आया था. सब खंभे गिर गए थे. हमें अंधेरी से जाना था. उस तूफान में हम चले जा रहे थे. एक टीन का पतरा आकर गिरा और मेरी मां के पैर में चोट लगी.’

    ‘बहुत खून निकल रहा था. ये देख मैं रोने लगा. तो मेरी मां तुरंत अपनी साड़ी फाड़ी और उसे बांध दिया. तूफान चल रहा था. तो मैंने कहा कि यहीं रुक जाते हैं, ऐसे में कहां जाएंगे. तो उन्होंने एक शेर पढ़ा था. उन्होंने कहा था- ‘वो मंजिल क्या जो आसानी से तय हो वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाए.’पूरी जिंदगी मुझे ये ही शेर समझ में आता रहा कि वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाए. तो अपने एक-एक कदम को एक मंजिल समझ लेना चाहिए. छलांग नहीं लगानी चाहिए, गिर जाओगे.’ मालूम हो कि जगदीप अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाते थे और एक दौर में उनकी लोकप्रियता चरम पर थी.

    A lion narrated by mother never let Jagdeep lose
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleसीएम हेमंत और मंत्री भोक्ता क्वारेंटाइन
    Next Article कानपुर शूटआउट का मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे गिरफ्तार
    azad sipahi desk

      Related Posts

      सिल्ली में जलसंकट की स्थिति बेहद चिंताजनक: बाबूलाल

      May 24, 2025

      संजय सेठ ने घायल जवान अवध सिंह का हालचाल जाना, स्वास्थ्य की ली जानकारी

      May 24, 2025

      राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट, 26 जून को चाईबासा कोर्ट में पेश होने का आदेश

      May 24, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • केंद्र और राज्य टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं : प्रधानमंत्री
      • राहुल गांधी ने पुंछ में गोलाबारी के पीड़ितों से की मुलाकात, नुकसान को बताया एक बड़ी त्रासदी
      • नीति आयोग की बैठक में हर घर नल योजना और यमुना के मुद्दे पर भी हुई चर्चाः रेखा गुप्ता
      • आतंकवादियों को नहीं पढ़ाई जाएगी जनाजा नमाज, भारत में दफनाया भी नहीं जाएगा : डॉ इलियासी
      • आरक्षण का श्रेणी वार परिणाम नहीं निकाल कर जेपीएससी ने परीक्षा को बना दिया संदिग्ध: प्रतुल शाहदेव
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version