लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर शनिवार को जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के शुभारम्भ किया। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने और लोगों को समय पर बेहतर इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से स्थापित की गई 07 नई मंडलीय प्रयोगशालाओं का लोकार्पण किया। इससे कोरोना संक्रमण की जांच में और अधिक इजाफा होगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राज्य में कोरोना का पहला केस आया था, जब एक भी टेस्टिंग लैब नहीं थी। इसके बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई तो राजधानी की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में पहले चरण में 60 नमूनों की जांच की जाने लगी। वहीं कल के आंकड़ों की बात करें तो हमने 38 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता हासिल कर ली है। जिन सात जिलों में अभी तक कोई लैब नहीं थी, वहां अब बीसएल-2 की लैब का उद्घाटन किया गया है। आज से वहां भी कोरोना नमूनों की जांच हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ अब सभी 18 मंडलों में जांच के लिए लैब हो गई हैं। इनके जरिए प्रदेश की जनता को कोरोना से बचाने में काफी मदद मिलेगी। अब हमारा प्रयास दूसरे चरण हर जनपद में टेस्टिंग लैब स्थापित करने का होगा।
चिकित्सा विभाग ने जिला-मंडलीय अस्पतालों में 07 नई प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं। ये लैब अलीगढ़, वाराणसी, गोण्डा, मुरादाबाद, बरेली, मीरजापुर और लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में प्रारम्भ की गई हैं।
लखनऊ में पहले से लैब हैं, लेकिन अन्य छह जनपदों में राज्य सरकार की प्रयोगशाला अभी तक नहीं थी। इनके शुरू होने से अब प्रतिदिन होने वाली कोरोना जांच में और इजाफा होगा।
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