विकास दुबे एनकाउंटर के बाद अब इस पूरे मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां उत्तर प्रदेश और मप्र की भाजपा सरकार पर सवाल उठा रही हैं। विपक्ष का आरोप है कि बड़े राजनीतिक पदों पर बैठे लोगों को बचाने के लिए एनकाउंटर कर दिया गया। मप्र के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने भी विकास दुबे एनकाउंटर को संदेहास्पद बताते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की है।
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए विकास दुबे एनकाउंटर पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा है कि लोगों के नाम उजागर न हो इसलिए एनकाउंटर किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकाल मंदिर से विकास दुबे को पकडऩे के बाद उसे उज्जैन कोर्ट में क्यों पेश नहीं किया गया और यूपी पुलिस को सौंप दिया।
पीसी शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और मप्र के प्रभावशाली लोगों के संबंध विकास दुबे के साथ थे, इसलिए उसका एनकाउंटर करवा दिया गया। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि विकास दुबे एन्काउन्टर की सीबीआई जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मप्र के उज्जैन तक विकास दुबे कैसे पहुँचा इसकी भी जांच हो। उत्तरप्रदेश – मध्यप्रदेश के नेताओं के विकास दुबे से सम्बंध थे। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने भी विकास दुबे के सरेंडर पर सवाल खड़े किए है। सरेंडर करने वाला पुलिस पर गोली क्यों चलाएगा, ये पूरा मामला शुरू से संदिग्ध है।