नई दिल्ली : कानपुर में बीते दिनों हुए एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए. कुख्यात बदमाश विकास दुबे और उसके गैंग ने मुठभेड़ में पुलिसवालों को मार गिराया और वहां से फरार हो गया. अब करीब सौ घंटे का वक्त हो चुका है, जब विकास दुबे अबतक फरार है. राज्य के सबसे बड़े गैंगस्टर का कोई अता पता नहीं है. पुलिस ने उसे ढूंढने के लिए नेपाल से लेकर चंबल तक नजरें टिका रखी हैं. इस बीच विकास दुबे के घर के बगल में बने कुएं से भी गुनाहों के सबूत तलाशे जा रहे हैं.
जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है विकास दुबे की हैवानियत के चश्मदीद हिम्मत जुटा रहे हैं और कानपुर के बिकरु गांव की उस खौफनाक रात की कई कहानियां सामने आ रही हैं. लेकिन सवाल ये कि इतने बड़े अपराध को अंजाम देने वाला कानपुर का सबसे बड़ा क्रिमिनल आखिर गया कहां? ये वो सवाल है जो यूपी पुलिस को इस वक्त सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है. क्योंकि दाग खाकी वर्दी पर भी है. अगर पुलिसवालों की शह ना होती तो विकास दुबे गैंगस्टर ना बना होता और अगर भेदिए का रंग खाकी ना होता तो शायद आठ पुलिसवाले शहीद ना होते.