साहेबगंज: झारखंड के साहेबगंज के बेटे और सीआरपीएफ का जवान कश्मीर के मालबाग में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. सीआरपीएफ के 118 वीं बटालियन में तैनात जवान कुलदीप उरांव साहिबगंज के रहने वाले थे. घटना की जानकारी मिलते ही आज सुबह से उनके घर पर मातम छाया हुआ है. आसपास के लोग उनके परिजन से मिलने पहुंच रहे हैं. इस खबर की पुष्टि करते हुए शहीद कुलदीप उरांव के पिता घनश्याम उरांव और भाई प्रदीप उरांव ने की.
शहीद कुलदीप उरांव का पूरा परिवार पुलिस और सेना से ही संबंध रखता है. पिता घनश्याम पुराण उरांव सीआरपीएफ के 190 बटालियन से 2007 में रिटायर्ड हुए हैं. जबकि शहीद कुलदीप उरांव की पत्नी बंदना उरांव भी कोलकाता पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात है. भाई प्रदीप उरांव का भी सेना में चयन हुआ था लेकिन पेट में ऑपरेशन होने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया.
कुलदीप उरांव का बहाली जनवरी 2001 में सीआरपीएफ में हुई थी. और हाल ही में उन्हें प्रोन्नति दी गई थी. कुलदीप उरांव के दो बच्चे हैं . एक 10 और एक 9 साल का है. कुलदीप उरांव के पूरे परिवार में इस वक्त मातम है और सभी लोग शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं.
वहीं, कुलदीप उरांव के भाई ने बताया कि रात 11: 30 बजे पापा के मोबाइल पर फोन आया सीआरपीएफ के कमांडेंट साहब का और उन्होंने जानकारी दी कि हमारा भाई शहीद हो गया हम लोगों को अपने भाई पर गर्व है. उनका दो बच्चा है और पत्नी वंदना कोलकाता पुलिस ने कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात हैं. कुलदीप के पिता ने कहा है कि मैं खुद सीआरपीएफ से रिटायर्ड हूं और मुझे अपने बेटे के शहीद होने पर गर्व है