प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मौजूदा समय में कुशलता युवाओं की सबसे बड़ी ताकत है। मोदी ने कहा कि आज का दिन 21वीं सदी के युवाओं को समर्पित है। प्रधानमंत्री ने विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर युवाओं को संबोधित करते हुए ये बात कही। मोदी ने कहा कि बदलते हुए तरीके ने युवाओं की कुशलता में कई बदलाव किए हैं, जिसे हमारे युवा अपना भी रहे हैं। पीएम ने कहा कि आज दुनिया में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई तरह के अवसर हैं।
प्रधानमंत्री विश्व युवा कौशल दिवस और स्किल इंडिया मिशन की 5वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल ने वर्क कल्चर और नेचर ऑफ जॉब को बदलकर रख दिया है। मोदी ने कहा कि युवा इसके मुताबिक खुद को तेजी से ढाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के युवाओं की सबसे बड़ी ताकत स्किल ही है। उनमें इसे हासिल करने की क्षमता है।
पीएम ने कहा कि आज के दौर में बिजनेस और व्यापार तेजी से बदल रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में लाखों स्किल्ड लोगों की जरूरत है। देश के युवाओं को इसके लिए तैयार करने की जरूरत है और स्किल इंडिया मिशन की यही कोशिश है। मोदी ने कहा कि तेजी से बदल रही इस दुनिया में स्किल, रिस्किल और अपस्किल ही प्रासंगिक रहने का मंत्र है। इस मंत्र को जानना, समझना और इसका पालन करना अहम है।
नया सीखने की ललक से बना रहता है उत्साह
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ नया सीखने की ललक से इंसान में उत्साह बना रहता है। ये केवल रोजी-रोटी कमाने का जरिया नहीं है। बल्कि, जीवन में उत्साह और उमंग चाहिए तो उसके लिए स्किल ऊर्जा का काम करती है। मोदी ने कहा कि किसी भी उम्र में स्किल के प्रति उत्साह कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्किल आपके काम को ही नहीं, बल्कि आपकी प्रतिभा को, प्रभाव को प्रेरक बना देती है।
उल्लेखनीय है कि मोदी ने स्किल इंडिया अभियान की शुरुआत की थी। यह भारत सरकार की एक पहल है, जिसकी शुरुआत देश के युवाओं को स्किल सेट के साथ सशक्त बनाने के लिए की गई है। ये युवाओं को काम के माहौल में अधिक रोजगारपरक और ज्यादा उत्पादक बनाते हैं। इसके साथ ही स्किल इंडिया कई क्षेत्रों में पाठ्यक्रम भी प्रदान करता है, जो राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क) के तहत उद्योग और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मानकों से जुड़े होते हैं। यह विशेष पाठ्यक्रम एक व्यक्ति को काम के व्यावहारिक वितरण पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करने के साथ ही उसे अपनी तकनीकी विशेषज्ञता बढ़ाने में भी मदद करता है ताकि वह अपने जॉब के पहले दिन के लिए तैयार हो और कंपनियों को उसे अपने नौकरी प्रोफाइल के लिए प्रशिक्षण में निवेश न करना पड़े।