सुप्रीम कोर्ट पीएम केयर्स फंड को मिली रकम को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर करने की मांग करनेवाली याचिका पर कल यानि 31 जुलाई को फैसला सुनाएगा। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने पिछले 27 जुलाई को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सेंटर फॉर इंटरेस्ट लिटिगेशन की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दायर किया है। प्रशांत भूषण की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि पीएम केयर्स फंड की स्थापना संविधान के साथ धोखा है। इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है।याचिका में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 11 के तहत एक राष्ट्रीय योजना बनाई जाए ताकि कोरोना के वर्तमान संकट से निपटने में कारगर हो। इस योजना में न्यूनतम राहत तय किया जाए। याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष का इस्तेमाल कोरोना से लड़ने में किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य संकट होने के बावजूद राष्ट्रीय आपदा राहत कोष का इस्तेमाल अथॉरिटीज नहीं कर रही है । पीएम केयर्स फंड का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम की परिधि से बाहर है। याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड में पारदर्शिता की कमी है। इसका सीएजी ऑडिट नहीं कर सकता है और सूचना के अधिकार कानून की परिधि के बाहर है। ऐसी स्थिति में पीएम केयर्स फंड को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में ट्रांसफर किया जाए ताकि आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों का पूरा-पूरा पालन किया जाए।

 

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