प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि बेहतर सार्वजनिक सुविधायें (स्थल) विलासिता की नहीं, बल्कि आधुनिक जीवन की आवश्यकता है। पिछली सरकारों ने इनके विकास पर जोर नहीं दिया था, लेकिन अब सार्वजनिक निजी भागीदारी से इनके विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में देश के पहले पुनर्विकसित अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन और ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के साथ कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान गुजरात साइंस सिटी में एक्वेटिक्स और रोबोटिक्स गैलरी तथा नेचर पार्क का भी उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से पहले सार्वजनिक स्थलों को ‘लग्जरी’ (विलासिता) मानते हुए इन्हें शहरी विकास में शामिल नहीं किया जाता था। उन्होंने कहा कि शहर केवल एक ‘कंक्रीट स्ट्रक्चर’ नहीं है, बल्कि उनका अपना एक ‘कैरेक्टर’ भी होता है। आज के समय में लोगों को बेहतर सार्वजनिक स्थलों की आवश्यकता है। कई शहरी परियोजनाएं आज इनको केंद्रित कर विकसित की जा रही हैं। अतीत में शहर की आबादी को इन सार्वजनिक स्थलों से दूर रखा गया था।
प्रधानमंत्री मोदी गुजरात में शहरी सुविधाओं से जुड़ी कुछ परियोजनाओं जैसे साबरमती रिवर फ्रंट और काकरिया झील का उदाहरण देते हुए अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि नए भारत के विकास की गाड़ी दो पटरियों पर एक साथ चलते हुए ही आगे बढ़ेगी। एक पटरी आधुनिकता की, दूसरी पटरी गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के कल्याण की है।
मोदी ने आगे कहा कि 21वीं सदी का भारत आकांक्षा और युवा भावनाओं से परिपूर्ण है। वे विज्ञान लैंडस्केप और संपर्क सुविधाएं चाहते हैं और यह नए भारत की एक और कड़ी है। मोदी ने कहा कि बहुत से लोगों को यह यकीन नहीं हो रहा है कि उनके आज उद्घाटित शहरी सुविधाओं से जुड़ी तस्वीरें भारत और गुजरात की हैं।
गुजरात में साइंस सिटी से जुड़ी परियोजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साइंस सिटी हमें रीक्रिएशन और क्रिएटिविटी से जोड़ती है। यह बच्चों को खेल-कूद और मौज-मस्ती का स्थान देते हुए उन्हें सृजनात्मक तौर पर विकसित करती हैं। इन सार्वजनिक सुविधाओं से बच्चों को कई विकल्प मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि 21वीं सदी के भारत की ज़रूरत 20वीं सदी के तौर-तरीकों से पूरी नहीं हो सकती। इसलिए रेलवे में नए सिरे से रिफॉर्म किया जा रहा है। आज रेलवे के विस्तार के साथ इससे जुड़ी सुविधाओं के विकास पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। ‘होरिजेंटल’ (विस्तार) के साथ ‘वर्टिकल’ (सुख सुविधा) विकास आज रेलवे की प्रमुख प्राथमिकता है। रेलवे केवल एक सेवा नहीं, बल्कि ‘एसेट’ है और इसे इसी तरह विकसित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज रेलवे की साख, स्वच्छता, सुरक्षा और स्पीड में बढ़ोतरी हुई है। आने वाले दिनों में समर्पित कॉरिडोरों के माध्यम से ट्रेनों की गति और बढ़ाई जा रही है।