सबसे बड़े वैक्सीन ड्राइव को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि वो इस मामले में अलग-अलग नेताओं के गैर-जिम्मेदाराना बयान देख रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने मामले में कुछ फैक्ट्स ट्वीट कर शेयर किए हैं, जिससे लोगों को इन नेताओं के इरादों के बारे में पता चल सके. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से 75 फीसदी टीके मुफ्त में उपलब्ध कराने के बाद टीकाकरण की गति तेज हो गई और जून में 11.50 करोड़ खुराकें दी गईं.

जुलाई के लिए कोविड-19 वैक्सीन आपूर्ति के बारे में राज्यों को पहले ही सूचित कर दिया गया है. ये जानकारी राज्यों के साथ 15 दिन पहले शेयर की गई थी, साथ ही रोजाना आपूर्ति के बारे में भी जानकारी दी गई थी. जुलाई में कुल 12 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई जाएंगी. निजी अस्पताल की आपूर्ति इससे अधिक होगी.

कोरोना महामारी के बीच ना करें राजनीति

अगर राज्यों में समस्याएं हैं, तो ये दर्शाता है कि उन्हें अपने टीकाकरण अभियान की बेहतर योजना बनाने की आवश्यकता है, अंतर्राज्यीय योजना और लॉजिस्टिक राज्यों की जिम्मेदारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मैं इन नेताओं से अनुरोध करता हूं कि कोरोना महामारी के बीच भी राजनीति करने की उनकी बेशर्म इच्छा से दूर रहें.

साथ ही कहा कि अगर ये नेता इन फैक्ट्स को जानते हैं और अभी भी ऐसे बयान दे रहे हैं, तो मैं इसे सबसे दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं. अगर वो नहीं जानते हैं, तो उन्हें हकूमत पर ध्यान देने की आवश्यकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वो फिर से राज्य के नेताओं से अनुरोध करेंगे कि वो योजना बनाने में अधिक ऊर्जा खर्च करें न कि घबराहट पैदा करने में.

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