नन्हें हाथ किताब छोड़ पैसे की ओर बढ़े

राहुल सिंह
रांची (आजाद सिपाही)। कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने की तरफ है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर का साइड इफेक्ट भी दिखने लगा है। जो नन्हें हाथ किताब की ओर बढ़ने चाहिए थे, वह पैसे की ओर बढ़ रहे हैं। इन बातों का खुलासा हाल में हुए सर्वे से हो रहा है। इसमें कहा गया है कि देश में कोरोना संक्रमण के कारण 30 फीसदी बच्चों का स्कूल छूटा। बाल मजदूरी का खतरा बढ़Þ गया है।

प्राइवेट और निजी दोनों स्कूलों में कम हुए बच्चे
कोरोना काल में बच्चों के स्कूल छूटने पर आॅल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (आइपा) ने अध्ययन कर रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार देश के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 15 फीसदी छात्रों ने स्कूल छोड़ दिया है। वहीं, सरकारी स्कूलों में ऐसे बच्चों की संख्या 15 फीसदी से ज्यादा है। आइपा के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने बताया कि स्कूलों से बढ़े इस ड्रापआउट के बाद बाल मजदूरी की समस्या भी सामने आ रही है।

बच्चों को वापस लाना एक चुनौती
कोरोना के बाद बड़ी संख्या में शहर छोड़कर बच्चे गांव गये हैं। शहरों में भी स्कूल छोड़कर घरों में बच्चे बैठे हैं। इनमें से काफी संख्या में बच्चों के बाल श्रम में लगने की आशंका है। उन्होंने कहा कि अगर अगर डाटा निकाला जाये, तो बाल मजदूरों की संख्या दोगुनी होने की भी संभावना है। जो कि कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है। इन बच्चों के कभी स्कूलों में न लौटने का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे बहुत सारे बच्चों को दोबारा स्कूलों में लाना काफी कठिन हो जायेगा। खासकर उन बच्चों को वापस स्कूल लाना काफी कठिन होगो, जिन्हें मजदूरी के जरिए पैसे कमाने की लत लग गयी है।

शिक्षा के स्तर पर होगा असर
कोरोना के चलते फीस न मिलने के कारण देशभर में करीब 20 फीसदी बजट स्कूल भी बंद हो चुके हैं। वहीं प्राइवेट स्कूलों ने कम से अपने 30 फीसदी शिक्षक और अन्य स्टाफ को भी हटा दिया है। बाकी बचे 70 फीसदी स्टाफ औसतन 50 फीसदी की सैलरी पर कम कर दिया गया है। अशोक अग्रवाल कहते हैं कि इस समय आॅनलाइन कक्षाएं भी सभी स्कूलों में नहीं है। सिर्फ कुछ स्कूल ही इस तरह से छात्रों की पढ़ाई करा रहे हैं। सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय है। वहीं सरकार के पास पब्लिक एजुकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बहुत बड़ी संख्या में बच्चों की शिक्षा खतरे में है। इससे शिक्षा का स्तर आने वाले समय में गिरेगा।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version