- बेलगाम है पुलिस, अपमानित कर रही विधायकों को
- कांग्रेस के विधायकों का हो रहा चीर हरण
- पुलिस हम पर सवाल उठाये, यह मंजूर नहीं
- किसको होना था फायदा इसकी जांच जरूर हो
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। कांग्रेस के विधायकों के खरीद फारोख्त और पुलिस द्वारा दर्ज किये गये एफआइआर पर कांग्रेस की सचिव और महगामा विधायक खासे नाराज हैं। उन्होंने पुलिस की पूरी कार्रवाई को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सरकार को अस्थिर करने के संबंध में कहा कि अगर 11 विधायक बिकने को तैयार थे तो यह सरकार गिर गयी होती। सुना है कि कुछ जेएमएम के विधायक भी शामिल थे। विधायकों की नाराजगी किसी और बात से है। खरीदे जाने की बात तो पूरी तरीके से बेबुनियाद है। हमारे विधायक कोई गाजर, मूली नहीं हैं कि कोई फलवाला खरीद ले। ऐसा भी नहीं है कि विधायक बाजार में बिकने के लिए खड़े हैं। बेलगाम पुलिस की यह करतूत है। पुलिस हम पर सवाल खड़ा करे यह हमें मंजूर नहीं है। हमारे विधायक और मैं खुद जनसरोकार के मुद्दे उठाते हैं और उठाते रहेंगे। हम सरकार में हैं और पुलिस हमीं को ही अपमानित कर रही है। पुलिस के कारण विधायक और कार्यकर्ता अपमानित महसूस कर रहे हैं। मेरे कांग्रेसी कार्यकर्ता ड्रिमोलाइज रहें यह भी हमें मंजूर नहीं। उन्होंने कहा कि आज चाचा (राजेंद्र सिंह) की बहुत याद आ रही है। अनुप सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति पार्टी की वजह से विधायक है। अगर कोई समस्या थी तो पहले पार्टी फोरम में बात करनी चाहिए थी। प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव भी सरकार को अस्थिर करने के संबंध में बहुत पहले से टिप्पणी कर रहे हैं। वे खुद पुलिस अफसर रह चुके हैं। लेकिन एफआइआर करने नहीं गये। विधायक ने कहा बेरोजगार सवाल उठा रहे हैं। विस्थापित सवाल उठा रहे हैं। हम जिन मुद्दों पर चुनाव जीते, उसकी बात कर रहे हैं। जब विधायकों पर कार्रवाई हो रही है तो आम लोगों का क्या हाल होगा। यह जांच का विषय है कि कांग्रेस को कौन कमजोर करना चाहता है। किसको इसका फायदा होगा। इसकी जांच जरूर होनी चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ता सिर झुकाकर नहीं रहेंगे। पूरे मामले पर से पर्दा उठना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सरकार के साथ हैं लेकिन जनमुद्दे को जरूर उठाते रहेंगे। विधायक के मुताबिक उन्होंने पूरी बात केंद्रीय आला कमान को बता दी है।