झारखंड पुलिस के सूचना तंत्र पर सवाल: छापामारी हुई, पर एक रुपया नहीं मिला
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा कि पुलिस को जेल से फिरौती और रंगदारी वसूल रहे अपराधियों समेत लेवी वसूलनेवालों का धंधा बंद कराने मेें कोई दिलचस्पी नहीं दिखती। क्या राज्य में पुलिस की प्राथमिकता व्यापारियों का काला धन और उनका हवाला कारोबार का रुपया ढूंढ़ना ही है। उन्होंने कहा कि झारखंड में पुलिस अनवरत छापेमारी कर कथित हवाला कारोबारियों के यहां रुपया ढूंढ़ने का अभियान चला रही है। यह अलग बात है कि एक रुपया भी कहीं से बरामद होने की सूचना अब तक नहीं है। पुलिस ने वैसे ठिकानों से कुछ कागजात बरामद किये हैं, जो अब आयकर विभाग को भेजा जा रहा है। यह समझ से परे है कि नोट ढूंढ़ने में पुलिस की दिलचस्पी का राज क्या है। अगर झारखंड पुलिस को यही करना था तो फिर सटीक सूचना के साथ आयकर विभाग को साथ लेकर उनकी मौजूदगी में छापेमारी करनी चाहिए थी। आशंका है कि बिना सिर-पैर की सूचना पर छापेमारी से कारोबारियों में दहशत पैदा कर हफ्ता वसूली का एक नया रास्ता बनाये जाने का प्रयास हो रहा है। क्या झारखंड पुलिस वैसे लोगों को चिह्नित कर दंडित करेगी, जिनकी गलत सूचनाओं पर छापेमारी हुई है। दहशत पैदा हुई, पुलिस की प्रतिष्ठा और छवि धूमिल हुई, लेकिन एक रुपया भी कहीं नहीं मिला।