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    Home»Breaking News»किस नियमावली के तहत विधायक बंधु और प्रदीप का सिंबल किया गया रद्द
    Breaking News

    किस नियमावली के तहत विधायक बंधु और प्रदीप का सिंबल किया गया रद्द

    azad sipahiBy azad sipahiJuly 28, 2021No Comments2 Mins Read
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    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। झारखंड विकास मोर्चा का चुनाव चिह्न बचाने के लिए विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा।
    जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने आयोग को प्रार्थियों के दावे पर नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल कर यह बताने को कहा है कि किस नियमावली के तहत सिंबल रद्द किया गया है।
    सुनवाई के दौरान दोनों विधायकों की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने अदालत को बताया कि चुनाव आयोग को किसी पार्टी का सिंबल डिलीट करने का अधिकार नहीं है। नियमानुसार किसी भी पार्टी के विलय के लिए दो तिहाई सदस्य की सहमति अनिवार्य है। दो तिहाई सदस्य उनके पास हैं। भाजपा में पार्टी के विलय के लिए उन लोगों की सहमति नहीं ली गयी है। ऐसे में पार्टी का विलय नहीं हुआ और चुनाव आयोग की ओर से विलय को मंजूरी देना गलत है। इसलिए चुनाव आयोग की ओर से झाविमो पार्टी के सिंबल को समाप्त करने के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

    चुनाव आयोग को सिंबल डिलीट करने का अधिकार नहीं : बंधु तिर्की
    मांडर विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि चुनाव आयोग को सिंबल डिलीट करने का अधिकार नहीं है। झाविमो का भाजपा में विलय भी गलत है, इसलिए चुनाव आयोग की ओर से झाविमो पार्टी के सिंबल को समाप्त करने के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए। नियमानुसार किसी पार्टी के विलय के लिए दो तिहाई सदस्यों की सहमति होनी चाहिए। दो तिहाई सदस्य हमारे पास हैं इसलिए झाविमो के भाजपा में विलय को चुनाव आयोग की ओर से मंजूरी देना गलत है।

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