• -झारखंड विधानसभा परिसर में स्पीकर और मुख्यमंत्री ने किया पौधरोपण
  • -झारखंड विधानसभा में 73वां राज्यव्यापी वन महोत्सव आयोजित
  • -जंगलों में आग लगने की सूचना एवं अन्य शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर जारी करें

रांची। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो एवं मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन शुक्रवार को विधानसभा परिसर में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के 73वें राज्यव्यापी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वन महोत्सव एक दिन नहीं बल्कि हर दिन होना चाहिए। प्रकृति के साथ तालमेल बैठाकर ही पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है। वन आधारित क्षेत्रों में आरा मशीन प्लांट के जरिए कुछ असामाजिक लोग धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। इस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए नहीं तो बचे हुए पेड़ भी कट जाएंगे।

उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगने पर अविलम्ब उसकी सूचना आम व्यक्ति भी वन विभाग के पदाधिकारियों को दे सकें इस निमित्त विभाग टोल फ्री नंबर जारी करे। जंगलों में पेड़ कटाई से लेकर आग लगने तथा अन्य गतिविधियों की शिकायत लोग विभाग के पदाधिकारियों को कर सकें इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन संरक्षण के लिए मैनुअली के साथ-साथ तकनीक का भी उपयोग करें। जल, जंगल, जमीन झारखंड वासियों का वजूद है। इनका संरक्षण हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि पेड़ है तभी जीवन है।

पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर विकास की लकीर नहीं खींच सकते

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में विकास की ऊंचाइयों को छूते-छूते कहीं न कहीं पर्यावरण पर भी चोट पहुंच रहा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर हम विकास की लकीर नहीं खींच सकते। सड़क चौड़ीकरण, कारखानों का निर्माण, शहरीकरण, जलाशय निर्माण सहित कई ऐसी योजनाएं हैं जिनके विकास तथा जीर्णोद्धार के लिए अनगिनत पेड़ों की कटाई की जाती है। हमें इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि विकास कार्यों के लिए जितनी पेड़ों की कटाई की जाती है उससे कई गुना पेड़ों को लगाकर ही इसकी भरपाई की जा सकेगी। हम सभी लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें यह जिम्मेदारी उठानी होगी।

वन्य प्राणियों का विचरण जंगल कटने के स्पष्ट संकेत

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जो लोग अपने कैंपस में वृक्ष लगाएंगे उन्हें प्रति वृक्ष पांच यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है। शहरी क्षेत्रों में लोग अपने-अपने घर आंगन पर पेड़ लगाकर यह लाभ ले सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आज 73वां वन महोत्सव मना रहे हैं। इन 73 वर्षों में वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए जितना कार्य हुआ है वह संतोषप्रद नहीं दिख रहा है। जितनी हरियाली दिखनी चाहिए थी वर्तमान में उतनी हरियाली नही दिख रही है, जो चिंता का विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के साथ-साथ अब शहरी क्षेत्रों में भी जंगली जीव-जंतुओं का विचरण देखा जा रहा है। जंगली जीवों का निरंतर आवागमन स्पष्ट संकेत देता है कि वनों की कटाई निरंतर जारी है। वन्य प्राणियों के घरों को उजाड़ कर उन्हें बेघर किया जा रहा है तभी वे गांव और शहरों की ओर अपना विचरण कर रहे हैं। हम जंगलों को कटने से बचाकर ही वन्य प्राणियों को संरक्षित कर सकेंगे।

इस अवसर पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री सहित विशिष्ट अतिथियों ने झारखंड विधानसभा परिसर में पौधरोपण भी किया। इस मौके पर मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री चंपाई सोरेन, मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सभी विधायक, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव एल खियांग्ते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का सहित अन्य वरीय पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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