-मुख्यमंत्री ने बाढ़ पर पेश की स्टेट्स रिपोर्ट
-बाढ़ से 35 लोगों और एक सौ जानवरों की मौत
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ के कारण 18 हजार एकड़ जमीन पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। इस जमीन पर लगी फसल के नुकसान का आकलन अभी किया जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश के 12 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है।
मुख्यमंत्री बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष हरियाणा में करीब 180 फीसदी अधिक बारिश हुई है। प्रदेश के पंचकूला, अंबाला, करनाल, कैथल, कुरूक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत, सिरसा, फतेहाबाद व यमुनानगर को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया गया है। इन जिलों के 1353 गांव तथा छह निकायों के 33 वार्ड बाढ़ की चपेट में आए हैं। इनमें यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला व कुरूक्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप अधिक रहा है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ से जो जमीन खराब हुई है, उन जमीनों पर ज्यादातर पशु चारा था। इसके अलावा किसान धान की रोपाई दोबारा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के किसानों को आहवान किया गया है कि वह 31 जुलाई तक मेरी फसल, मेरा ब्यौरा तथा क्षतिपूर्ति पर अपना विस्तृत ब्यौरा दर्ज करवाएं। फसलों के मुआवजे को लेकर अभी पहले से तय 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दरें लागू हैं। इसके बावजूद पूरे प्रदेश से फसलों के नुकसान के बारे में पता लगने के बाद ही नीति तैयार की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक प्रदेश में बाढ़ से 35 लोगों की मौत हुई है। प्रदेश सरकार ने प्रत्येक मृतक के आश्रित को चार लाख रुपये देने का ऐलान किया है। प्रदेश के 12 में से दो जिले फतेहाबाद व सिरसा में अभी भी बाढ़ का पानी है, बाकि जिलों में हालात सामान्य हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बाढ़ से 125 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 615 में आंशिक नुकसान की खबर है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ के कारण बांध, नदी कटाव जैसी 399 परियोजनाओं का नुकसान हुआ है। जिसकी मरम्मत पर करीब 90 करोड़ खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बाढ़ के कारण 1142 किलोमीटर लंबी 996 सडक़ों का नुकसान हुआ है। जिसकी मरम्मत व दोबारा निर्माण के लिए 230 करोड़ का बजट रखा गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बारिश में बिजली के 3369 खंभे,1477 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट आई है, जिस पर 22 करोड़ आठ लाख खर्च आएगा।
पशुओं की मौत पर पशु पालकों को मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ में अब तक 50 गाय व भैंस, 50 बकरी व अन्य छोटे जानवरों की मौत हुई है। पशु पालकों के रिपोर्ट किए जाने के बाद गाय, भैंस व ऊंट आदि की मृत्यु पर सरकार पशुपालकों को 37 हजार 500 रुपये प्रति पशु के हिसाब से मुआवजा देगी। भेड़-बकरी की मृत्यु पर चार हजार रुपये, ऊंट व घोड़ा आदि की मृत्यु पर 32 हजार रुपये, बछड़़ा-बछिया की मृत्यु पर 20 हजार रुपये तथा मुर्गी की मृत्यु पर 100 रुपये प्रति के हिसाब से मुआवजा मिलेगा।
पांच दिन में 110 एमएम बारिश दर्ज
आठ से 12 जुलाई यानी पांच दिन के दौरान पूरे प्रदेश में 110 एमएम बारिश हुई। सामान्य तौर पर इन दिनों में 28.4 एमएम बारिश हुआ करती थी। यानी करीब चार गुणा अधिक बारिश इस बार हुई। चार जिलों में बारिश का सर्वाधिक असर देखने को मिला। सामान्य तौर पर यमुनानगर में 32.8 एमएम बारिश होती थी, लेकिन इस बार 122 एमएम हुई। कुरूक्षेत्र में सामान्य बारिश 32.9 एमएम होती थी। इस बार 300.8 एमएम बारिश दर्ज की गई। पंचकूला में 53 एमएम सामान्य बारिश के मुकाबले इस बार 422.8 एमएम बारिश हुई। वहीं अंबाला में सामान्य 58.5 प्रतिशत बारिश के मुकाबले इस बार 359 एमएम बारिश दर्ज की गई।