रांची। झारखंड में वर्ष 2019 से अब तक प्रोटेक्शन आॅफ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्सुअल आॅफेंस (पॉक्सो) की 1324 वारदा हुई हैं।
पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में पॉक्सो एक्ट के 239 वारदातों को अंजाम दिया है। इनमें धनबाद में 42, गिरिडीह में 10, हजारीबाग में 12, पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) में 18, पलामू में 18, रांची में 28, साहिबगंज में 6, दुमका में सात, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में चार, बोकारो में 27, लातेहार में चार, जामताड़ा में चार, सरायकेला में तीन, देवघर में10, गोड्डा में चार,गुमला में पांच, लोहरदगा में चार, चतरा में छह, गढ़वा में 14,कोडरमा में दो,खूंटी में दो, रामगढ़ में पांच और पाकुड़ में चार शामिल हैं। वर्ष 2019 में पॉक्सो एक्ट की सबसे अधिक 42 घटनाएं धनबाद में हुई है।
इसी प्रकार वर्ष 2020 में 306 पॉक्सो एक्ट की वारदात हुई है। इनमें धनबाद में 54, गिरिडीह में 22, हजारीबाग में चार, पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) में 18, पलामू में 24, रांची में 36, साहिबगंज में 14, दुमका में सात, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में सात, बोकारो में 22 ,लातेहार में छह, जामताड़ा में आठ,सरायकेला में 12, सिमडेगा में चार, देवघर में चार, गोड्डा में छह,गुमला में पांच,लोहरदगा में चार,चतरा में 14,गढ़वा में 14,कोडरमा में पांच, खूंटी में चार, रामगढ़ में नौ और पाकुड़ में तीन शामिल है। वर्ष 2020 में सबसे अधिक धनबाद में 54 पॉक्सो एक्ट की घटनाएं हुई हैं।
वर्ष 2021 में पॉक्सो एक्ट की 284 घटनाएं हुई है। इनमें धनबाद में 53, गिरिडीह में 12, हजारीबाग में 15, पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर )में 20, पलामू 15, रांची में 23, साहिबगंज में 11, दुमका में 9, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा )में आठ, बोकारो में 33, लातेहार में सात ,जामताड़ा में तीन , सरायकेला में आठ, देवघर में 10, गोड्डा में आठ , गुमला में 11, लोहरदगा में दो, चतरा में आठ , गढ़वा में 13, कोडरमा में चार, खूंटी में तीन, रामगढ़ में पांच और पाकुड़ में तीन शामिल है। वर्ष 2021 में सबसे अधिक धनबाद में 53 पॉक्सो एक्ट की वारदात हुई है।
इसी प्रकार 2022 में पूरे राज्य में 338 पॉक्सो एक्ट की वारदात हुई है। इनमें धनबाद में 45, गिरिडीह में 16 ,हजारीबाग में 23, पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) में 22, पलामू में 14, रांची में 33, साहिबगंज में 12, दुमका में 17, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में 11, बोकारो में 23, लातेहार में सात, जामताड़ा में पांच, सरायकेला में चार, सिमडेगा में सात , रेल जमशेदपुर में एक ,देवघर में 19, गोड्डा में 9, गुमला में 16, लोहरदगा में तीन, चतरा में 9, गढ़वा में 22, कोडरमा में चार, खूंटी में चार, रामगढ़ में आठ और पाकुड़ में चार शामिल है। वर्ष 2022 में धनबाद में सबसे अधिक 45 पॉक्सो एक्ट की वारदात हुई है।
वर्ष 2023 में अब तक पॉक्सो एक्ट की 157 घटनाएं घटी हैं। इनमें धनबाद में 18, गिरिडीह 9, हजारीबाग 12, पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर )से आठ, पलामू में 9, रांची में 9, साहिबगंज से 9, दुमका में दो, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में तीन, बोकारो में 14, लातेहार में चार, जामताड़ा में दो, सरायकेला में एक, सिमडेगा में तीन, रेल धनबाद एक, देवघर में चार,गोड्डा में नौ , गुमला में आठ, चतरा में एक, गढ़वा में 13, कोडरमा में आठ, खूंटी में चार, रामगढ़ में तीन और पाकुड़ में तीन शामिल है। वर्ष 2023 में अब तक सबसे अधिक 18 साइबर क्राइम की वारदात राजधानी रांची में हुई है। हालांकि आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में अब तक की तुलना में साइबर अपराध की घटनाएं कम हुई है।
क्या है पॉक्सो एक्ट
प्रोटेक्शन आॅफ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्सुअल आॅफेंस (पॉक्सो) कानून को 2012 में लागू किया गया था। ये कानून बच्चों के खिलाफ होनेवाले यौन अपराधों की रोकथाम के लिए बनाया गया है। इस एक्ट के तहत 18 साल के कम उम्र के बच्चे और बच्चियों को शामिल किया गया है। इस एक्ट के तहत नाबालिगों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में कठोर दंड का प्रावधान किया गया है। इस एक्ट का उद्देश्य एक बच्चे को किसी भी प्रकार के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, मानसिक और भावनात्मक शोषण और उपेक्षा से बचाना है।