-नौ गिरफ्तार, रिव्यू कराने के बहाने ठगते थे
-आतंकी संगठन हिजबुल्लाह से भी कनेक्शन
आजाद सिपाही संवाददाता
हैदराबाद। हैदराबाद में पुलिस ने 712 करोड़ रुपये की चीनी धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया है। इसमें लोगों को रिव्यू करने के बहाने कमाई का लालच देकर ठगा जाता था। मामले में देशभर से नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो चीनी आॅपरेटरों के इशारे पर काम करते थे। पुलिस के मुताबिक फ्रॉड से जुड़े कुछ क्रिप्टो वॉलेट लेनदेन का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह वॉलेट के साथ भी लिंक मिला है। ये वॉलेट आतंकी फाइनेंस मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने आरोपियों से 17 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, 22 सिम कार्ड, चार डेबिट कार्ड, तीन चेक बुक और 33 कंपनियों से जुड़े दस्तावेज बरामद किये हैं।
28 लाख की ठगी की जांच से खुली पोल
साइबर क्राइम पुलिस ने हैदराबाद के एक व्यक्ति की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। इसकी जांच के दौरान ही पूरा मामला सामने आया। उस व्यक्ति को टेलीग्राम पर रिव्यू करने की पार्टटाइम जॉब आॅफर हुई थी। उसने भरोसा कर एक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर लिया। शुरूआत में उससे हजार रुपये निवेश कराये गये और चीजों को रेटिंग देने का आसान काम दिया गया। इस काम में उसे आठ सौ रुपये का फायदा हुआ। इसके बाद व्यक्ति ने 25 हजार रुपये निवेश किये और 20 हजार रुपये का फायदा कमाया। हालांकि उसे ये रुपये निकालने की अनुमति नहीं मिली। बाद में ज्यादा कमाई का लालच देकर उससे और ज्यादा रुपये निवेश कराये गये, लेकिन ये रुपये वापस नहीं मिले। इस तरह व्यक्ति के साथ 28 लाख रुपये की ठगी हो गई। यह गिरोह इसी तरह लोगों से ठगी किया करता था।
दुबई में क्रिप्टो करेंसी में बदला गया ठगी का पैसा
जांच में पुलिस को पता चला कि ये 28 लाख रुपये छह बैंक खातोें में ट्रांसफर किये गये थे। यहां से ये रकम अलग-अलग भारतीय बैंक खातों में ट्रांसफर हुई और फिर दुबई भेजी गयी। इन रुपयों से वहां क्रिप्टोकरेंसी खरीदी गयी। पुलिस ने मामले में अहमदाबाद से भी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो चीनी आॅपरेटरों से जुड़ा हुआ था। आरोपी चीनी आॅपरेटरों को भारतीय बैंक खातों की डिटेल और ओटीपी भेजा करता था। चीनी आॅपरेटर रिमोट एक्सेस एप के जरिये दुबई और चीन में बैठ कर इन भारतीय खातों को संचालित करते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने 65 बैंक खातों की डिटेल चीनी आॅपरेटरों को दी थी। इनमें 128 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। वहीं दूसरे कई बैंक खातों के जरिये 584 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरेंसी में बदले गये। ये पैसे लोगों से ठगे गये थे। इस तरह देश के लोगों से 712 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी।