रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को आदिवासी संगठनों के भाजपा प्रदेश कार्यालय घेराव कार्यक्रम को हेमंत सरकार की प्रायोजित राजनीतिक नौटंकी कहा है।

मरांडी ने कहा कि भाजपा प्रदेश कार्यालय का घेराव करने वालों को सबसे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करना चाहिए। क्योंकि, हेमंत सोरेन ने आदिवासी के नाम पर सबसे ज्यादा आदिवासी को ही प्रताड़ित किया है। हेमंत सरकार का स्वागत चाईबासा में आदिवासियों के नरसंहार से हुआ। होनहार आदिवासी दारोगा रूपा तिर्की की हत्या,पशु तस्करों के द्वारा दारोगा संध्या टोपनो की हत्या, सिदो कान्हो के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या हेमंत सरकार की देन है।

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के पिछले साढ़े तीन वर्षों के शासन काल में 5500 से अधिक बहन-बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं घटी हैं, जिसमे अधिकांश आदिवासी और दलित समाज की ही बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि प्रीमिटिव ट्राइब्स की बेटी रुबिका पहाड़िया की नृशंस हत्या टुकड़ों-टुकड़ों में काटकर की गई।मांडर में आदिवासी छात्रा के साथ कार में सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक घटना हुई। खूंटी में प्रशिक्षु महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुए लेकिन मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिजनों से मिलना भी उचित नहीं समझा।

मरांडी ने कहा कि मध्यप्रदेश की जिस घटना को तूल देने की कोशिश की जा रही उसपर कठोर कानूनी कार्रवाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर दिया है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित व्यक्ति के पैर धोकर माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन में हिम्मत है तो वे आदिवासी दलित विरोधी कृत्यों के लिए समाज से और पीड़ित परिवार से माफी मांगे।

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