शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून कहर बरपा रहा है। मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 147 फीसदी अधिक वर्षा हो चुकी है। आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी तबाही हुई है। नई दिल्ली से पहुंची केंद्रीय टीम प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का आकलन कर रही है।

प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शनिवार देरशाम केंद्रीय टीम को अवगत करवाया कि हिमाचल प्रदेश में 24 जून से 14 जुलाई तक सामान्य से 147 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। 7 से 11 जुलाई तक सामान्य से 436 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। अभी तक प्रदेश में भूस्खलन की 5480 घटनाएं, बादल फटने की 14 और फ्लैश फ्लड की 83 घटनाएं हुई हैं। मुख्य सचिव ने बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए स्पेस वेस्ड एप्लीकेशन की उपयोगिता सुनिश्चित की गई है। राहत और बचाव अभियान में ड्रोन और आपदा मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।

केन्द्रीय टीम के अध्यक्ष रविनेश कुमार ने बताया कि दो अलग-अलग समूहों में आपदा प्रभावित जिलों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया गया है। उन्होंने माना कि इन क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने राहत एवं बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन और सरकार के कदमों की सराहना की।

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