-मणिपुर की घटना ने सिर्फ मणिपुर ही नहीं पूरे भारत वर्ष को शर्मसार किया है: राजेश ठाकुर
रांची। मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई अमानवीय और शर्मनाक घटना के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका। यहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यह अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है। 21वीं सदी में भी एक महिला के साथ इस तरह की बर्बरता की जाती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना भाजपा शासित प्रदेशों में ज्यादा घट रही है। उन्होंने कहा कि मणिपुर की इस घटना ने सिर्फ मणिपुर ही नहीं पूरे भारत वर्ष को शर्मसार किया है। उन्होंने कहा कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाली भाजपा यह बताये कि क्या इस तरह से बेटियां बचेंगी? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आॅल इज वेल का दिखावा कब बंद करेगी। मणिपुर के मुख्यमंत्री को कब हटाया जायेगा। प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ वायरल वीडियो दिल दहला देनेवाली है। उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रश्न करते हुए कहा कि क्या ऐसी घटनाओं से प्रधानमंत्री बेचैन नहीं होते। ऐसी घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि मणिपुर की महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं कर सकते, तो भाजपा का नारी शक्ति का दावा खोखला साबित हो रहा है।
मणिपुर में मानवता मर गयी : बंधु
कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि मणिपुर में मानवता मर गयी है। पीएम मोदी को उनकी चुप्पी पर देश कभी माफ नहीं कर पायेगा। राज्य और केंद्र में खुद की नाकामियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी को देश को बताना चाहिए कि मणिपुर में हुआ क्या है। संसद में हम मणिपुर पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं और पीएम मोदी को सदन में हिंसा पर विस्तृत बयान देना चाहिए। मणिपुर के मुख्यमंत्री का तत्काल इस्तीफा लिया जाये और राष्ट्रपति शासन लगाया जाये।
पीएम ने मणिपुर को नजरअंदाज किया: सुखदेव भगत
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि मणिपुर हिंसा को 78 दिन, जबकि महिलाओं को नग्न करके घुमाने और कथित तौर पर दुष्कर्म की भयावह घटना को 77 दिन हो गये हैं अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये हुए। आज 1800 घंटे से अधिक समय की चुप्पी के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर पर कुल 30 सेकंड तक बात की। उसके बाद पीएम ने मणिपुर में शासन की विफलताओं और मानवीय त्रासदी से ध्यान हटाने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने न तो शांति की कोई अपील की और न ही मणिपुर के मुख्यमंत्री से अपना पद छोड़ने के लिए कहा। इस मौके पर विधायक दीपिका पांडेय सिंह, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अनवर अंसारी, अमुल्य नीरज खलखो, राकेश सिन्हा, विनय सिन्हा दीपू, सतीश पॉल मुंजनी, सूर्यकांत शुक्ला, ईश्वर आनंद, रमा खलखो, गजेन्द्र सिंह, बेलस तिर्की, डॉ राकेश किरण महतो, निरंजन पासवान, नेली नाथन, सुन्दरी तिर्की, गुंजन सिंह, सी पी संतन, आलोक तिवारी सहित कासी अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।