नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर मुद्दे पर संसद के अंदर अपना बयान दें।

खड़गे ने गृह मंत्री अमित शाह के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि आपको (गृह मंत्री शाह) ध्यान होगा कि मणिपुर में 03 मई के बाद की स्थिति पर इंडिया घटक दलों की लगातार मांग रही है कि प्रधानमंत्री सदन के पटल पर पहले अपना बयान दें। उसके बाद दोनों सदनों में इस विषय पर एक विस्तृत बहस और चर्चा की जाए। जिस तरह की गंभीर स्थिति पिछले 84 दिनों से मणिपुर में व्याप्त है और जिस तरह की घटनाएं एक-एक कर सामने आ रही हैं, हम सभी राजनीतिक दलों से यह अपेक्षित है कि हम वहां पर तत्काल शांति बहाली के लिए व जनता को संदेश देने के लिए देश के सर्वोच्च सदन में कम से कम इतना तो करेंगे। हम सामूहिक रूप से यही मांग कर रहे हैं।

खड़गे ने कहा कि आपके पत्र में व्यक्त भावनाओं की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। सरकार का रवैया आपके पत्र के भाव के विपरीत सदन में असंवेदनशील और मनमाना रहा है। यह रवैया नया नहीं बल्कि पिछले कई सत्रों में भी विपक्ष को देखने को मिला है। नियमों और परिपाटी को ताक पर रखकर विपक्ष को एक चाबुक से हांका जा रहा है। छोटी घटनाओं को तिल का ताड़ बनाकर सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को गृह मंत्री शाह ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया था। शाह ने कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उनकी सरकार इस मुद्दे पर कुछ भी छिपाना नहीं चाहती है। इस पर खड़गे ने आज गृह मंत्री को पत्र लिख कर कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में अपनी बात रखें और फिर इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की जाए।

बीते दिनों मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसे लेकर विपक्ष लगातार केन्द्र और राज्य सरकार की आलोचना कर रही है और संसद के दोनों सदनों में मणिपुर के हालात पर चर्चा की मांग कर रही है।

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