मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाला वायरल वीडियो ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। किसी को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा। आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है। सबसे आश्चर्य की बात है कि घटना के 48 दिन बाद एफआइआर और 77 दिन बाद गिरफ्तारी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मणिपुर मामले पर टिप्पणी की, तो कांग्रेस ने निशाना साधा। इस मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा हुआ और कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी। उधर, कोर्ट ने मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त टिप्पणी की है।
मैं क्रोध से जल रहा: नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मे संसध का सत्र शुरू होने से पहले अपना वक्तव्य रखा। इसमें उन्होंने मणिपुर मामले का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं, तब मेरा ह्दय पीढ़ा से भरा हुआ है। क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आयी है, किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने है, कौन हैं, वो अपनी जगह पर है लेकिन बेज्जती पूरे देश की हो रही है। इससे 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्य में कानून व्यवस्थाओं को और मजबूत करें। खासकर के हमारी माताओं और बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठायें। घटना चाहे राजस्थान की हो, घटना चाहे छत्तीसगढ़ की हो, घटना चाहे मणिपुर की हो। इस देश में हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में, किसी की भी राज्य सरकार में राजनीतिक वाद-विवाद से उपर उठकर के कानून व्यवस्था का महात्मय, नारी का सम्मान जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जायेगा। कानून अपनी पूरी शक्ति से, पूरी सख्ती से एक के बाद एक कदम उठायेगा। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है इसको कभी माफ नहीं किया जा सकता है।
सख्त कदम उठाये सरकार: चीफ जस्टिस
मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के मामले का सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ जो हुआ वह पूरा तरह अस्वीकार्य है। सरकार इस पर तुरंत कार्रवाई करे। कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो हम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांप्रदायिक टकराव के क्षेत्र में महिलाओं को किसी चीज की तरह इस्तेमाल करना संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि घटना का जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह काफी परेशान करने वाला है। सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि हम सरकार को थोड़ा समय दे रहे हैं। अगर आगे जमीन पर कुछ नहीं होता है तो हम खुद कार्रवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार को निर्देश दिया कि इस घटना के जिम्मेदारों के खिलाफ जो भी कार्रवाई हो, उसके बारे में कोर्ट को पूरी जानकारी दी जाये।
मैं खुश हूं पीएम ने चुप्पी तो तोड़ी: शशि थरूर
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि हम खुश है कि आखिरकार पीएम नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा पर अपनी चुप्पी तो तोड़ी। साथ ही उन्होंने पीएम से संसद में भी इस मुद्दे पर बयान देने को कहा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के लंबे समय तक चुप रहने से हम बहुत दुखी था। उनकी चुप्पी हम में से कोई नहीं समझ सका।
संसद की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित
मणिपुर हिंसा को लेकर मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। वहीं, मणिपुर हिंसा पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर आठ मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। नये बने विपक्षी आइएनडीआइए के घटक दलों ने मुद्दे पर र्चचा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया।
48 दिन बाद एफआइआर, 77 दिन बाद गिरफ्तारी
मणिपुर की घटना 4 मई को हुई, जबकि इसकी एफआईआर करीब डेढ़ महीने बाद 21 जून को दर्ज हुई। वहीं गुरुवार सुबह मामले में पहला आरोपी गिरफ्तार हुआ है। एक ओर जहां इसे घटना की देशभर में निंदा की जा रही है, वहीं अब इसको लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। यह घटना राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम में हुई। पुलिस बल से महिलाओं को छीना गया। भीड़ के सामने निर्वस्त्र कर दिया गया। घटना से जुड़े वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं। एक 21 साल की लड़की का दिन दहाड़े बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। जब 19 वर्षीय छोटे भाई ने अपनी बहन को बचाने आया तो भीड़ ने उसकी हत्या कर दी।