रांची। झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा नेताओं को घुसपैठिया और मदरसा जैसे मुद्दों पर घेरा। सुप्रियो ने कहा कि भाजपा के नेता जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल इन दिनों कर रहे हैं, उससे जहर की बू आने लगी है। उन्होंने कहा कि इन दिनों भाजपा मुद्दाविहीन है, उसकी सही सोच अब सामने आने लगी है। पीएम नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की बात करते हैं, लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेता का कहना है कि सबका साथ नहीं, जो हमारे साथ, उसका विकास। बता दें कि उनका इशारा प बंगाल विधानसभा में विपक्ष के भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के हालिया बयान पर था। इसमें उन्होंने कहा है कि सबका साथ सबका विकास की बात अब बेमानी हो गयी है।
भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा को बंद कर देना चाहिये। भट्टाचार्य ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने शायद ही, एक भी मुसलमान उम्मीदवार उतारा हो। भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा विधानसभा में भी मुसलमान उम्मीदवार को टिकट देने से कतराती है। राजस्थान में सिर्फ एक सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया था। भाजपा की ओर से एक बड़ी मुस्लिम आबादी की कहीं से भी प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की ये धारणा पहले से स्थापित है। सीधा ये कह देना कि भाजपा में अब अल्पसंख्यक मोर्चा की अब जरूरत ही नहीं है, इसको बंद कर देना चाहिये। इससे भाजपा की असली सोच जाहिर होती है। उन्होंने कहा कि झारखंड आकर भाजपा के नेता दो ही मुद्दों की बात करते हैं। एक घुसपैठिया और दूसरा मदरसा, लेकिन गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार घुसपैठ के सबसे अधिक प्रयास त्रिपुरा में होते हैं और सफल भी होते हैं। सुप्रियो ने कहा कि त्रिपुरा में पिछले 8 साल से भाजपा का शासन है। भाजपा के पास 10 साल से सीमा सुरक्षा का जिम्मा है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा स्वीकार भी करते हैं कि सबसे अधिक घुसपैठ असम में हुई है। इसके बाद रोज एक नया-नया ट्वीट बाबूलाल मरांडी करते हैं। उन्होंने कहा कि क्या सच्चाई है क्या सच्चाई नहीं है, ये भाजपा के नेता भी नहीं बता पायेंगे। वही नेता यहां आकर कहते हैं कि मदरसा बंद होना चाहिये। सुप्रियो ने कहा कि मदरसा के अंदर जो तालीम दी जाती है, वो धार्मिक तालीम है।
ये किसी से छिपा हुआ भी नहीं है। यूपी में 16513 मदरसे हैं। ये सभी मदरसे रिकॉग्नाइज्ड हैं। अनरिकॉग्नाइज्ड मदरसों की संख्या 449 है। इसी तरह सरकारी मदरसों की संख्या यूपी में 558 है। उन्होंने कहा कि जबकि वहां भाजपा की सरकार पहले भी रही है और अभी भी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 20650 मदरसे ऐसे हैं जो राज्य सरकार की सहयोग राशि से चलते हैं। इसी तरह 1600 मदरसे ऐसे हैं, जिनको भाजपा की केंद्र सरकार आर्थिक सहयोग देती है। गुजरात में 1130 मदरसे हैं। गुजरात में 30 साल से भाजपा का शासन है। बिहार में 88 मदरसे राज्य सरकार चला रही है। इसी तरह 2059 मदरसे यहां मदरसा बोर्ड से निबंधित हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में 186 पेडेड मदरसा है। पूरे देश में ये मदरसे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय, राज्य सरकार, केंद्र सरकार और शिक्षा विभाग का संयुक्त कार्यक्रम है। अब इनको मदरसों से तकलीफ है। भाजपा शासित राज्यों में तकलीफ नहीं है। झारखंड में आकर कहते हैं कि मदरसा बंद कर दीजिये। उन्होंने पूछा झारखंड के मदरसों से कोई ऐसी बात निकली है क्या जो इस देश के लिए, इस राज्य के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह झारखंड आ रहे है उनसे आग्रह करेंगे की इन सब बातों पर रोक रोक लगाये।
झारखंड के आदिवासी को असम में एसटी का दर्जा दे हिमंत
सुप्रियो ने कहा कि हिमंत विस्वा सरमा और भाजपा को आदिवासियों से प्रेम नहीं है। अगर प्रेम होता तो प्रधानमंत्री बैठे होते और एक आदिवासी राष्ट्रपति खड़ी नहीं रहती। अगर हिमंता को इतना ही आदिवासियों से प्रेम है तो सबसे असम में लंबे समय से शासन में रही भाजपा और असम में वर्षों से निवास करने वाले झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और बंगाल के आदिवासियों को एसटी का दर्जा दे। आज भी ये आदिवासी वहां पर टी-ट्राइब के रूप में जाने जाते हैं। जबकि वे संथाली, मुंडारी, हो, सादरी और स्थानीय भाषा बोलते हैं, वर्षों से वहां निवास कर रहे हैं। इसलिए हिमंता जी को आदिवासियों से प्रेम नहीं है, केवल उन्हें हेमंत से चिढ़ है।