-पीजीटी परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ 23 दिन से धरना दे रहे अभ्यर्थियों से मिला भाजपा का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल
-राज्य सरकार धरना पर बैठे युवाओं को दे रही धमकी
-पीजीटी परीक्षा के भ्रष्टाचार की सीबीआइ जांच कराये हेमंत सरकार
रांची। जेएसएससी पीजीटी परीक्षा में हुए धांधली के जांच के मांग और श्रेया डिजिटल, बोकारो एवं शिवा इंफोटेक परीक्षा केंद्र के सफल अभ्यर्थियों के जांच की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष धरना दे रहे अभ्यर्थियों से रविवार को नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, रांची विधायक सीपी सिंह, कांके विधायक समरी लाल, राजमहल विधायक अनंत ओझा एवं गोड्डा विधायक अमित मंडल ने मुलाकात की। मौके पर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि जेएसएससी पीजीटी मामले में कई गड़बड़ियां सामने आयी हैं। जिस तरह से अभ्यर्थियों ने अपने साथ हो रहे अन्याय के पुख्ता प्रमाण दिखाया है, उससे लगता है कि झारखंड सरकार ने सफल अभ्यर्थियों से पैसे लेकर नौकरी बेचने का काम किया है। सरकार को चाहिये कि जब सीबीआइ पहले से ही नियुक्ति घोटाले मामले पर अपनी जांच कर रही है तो इस मामले की जांच भी एक साथ करवा दें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रति वर्ष 5 लाख नौकरी देने का वादा किया था और नौकरी नहीं मिलने पर 5 से 7 हजार रुपये का भत्ता देने का वादा युवाओं से किया था, लेकिन नौकरी देना तो दूर सरकार नौकरी को बेचने का काम कर रही है। कई मामले की जांच एसआइटी का गठन कर की गयी, जिसमें राज्य सरकार के दो अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हुई है, लेकिन पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया और किसी पर भी कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे छात्रों को पहले तो समझाने का काम किया जा रहा था लेकिन अब उन्हें धमकी भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि युवाओं के साथ कोई भी छेड़छाड़ होती है तो सड़क से लेकर सदन तक भाजपा इस लड़ाई को लड़ने का काम करेगी। वहीं विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जिस तरह से छात्रों ने प्रमाण पेश किये हैं उसे लगता है कि झारखंड के पांच सेंटर से ही अभ्यर्थी सफल हुए हैं। जिस कंपनी को परीक्षा करवाने का टेंडर दिया गया वह कंपनी पहले से ही ब्लैक लिस्ट है। बावजूद इसके फिर से उसी कंपनी से परीक्षा करवाने पर भी सरकार के ऊपर सवाल खड़े हो रहे हैं। रांची विधायक ने इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से करवाने की बात कही ताकि छात्रों को न्याय मिल सके। वहीं उन्होंने छात्रों को उच्च न्यायालय जाने का भी सुझाव दिया ताकि कोर्ट के माध्यम से इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ से करवाई जा सके। बता दें कि पिछले 23 दिनों से पीजीटी के अभ्यर्थी राजभवन के समक्ष धरना पर बैठे हैं। और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।
अपने वादे के अनुरूप सहायक पुलिस कर्मियों की सेवा स्थाई करे हेमंत सरकार: अमर कुमार बाउरी
वर्ष 2020 एवं 2021 में सहायक पुलिसकर्मियों के साथ राज्य सरकार हुई वार्ता, जिसमें मौखिक एवं लिखित रूप से सरकार ने वादा किया था कि सभी सहायक पुलिसकर्मियों को स्थायी कर दिया जायेगा, लेकिन आज तक किसी की सहायक पुलिसकर्मियों को स्थायी नहीं किया गया। इसके खिलाफ सहायक पुलिसकर्मियों ने रांची के मोराबादी स्थित बापू वाटिका के समक्ष धरना पर है। रविवार को भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों से भी मुलाकात की। वहीं अमर कुमार बाउरी ने कहा कि सहायक पुलिसकर्मी को सरकार ने ही नियोजित किया था और सरकार ही अब उन्हें स्थायी नहीं कर रहे है। सहायक पुलिस कर्मियों के साथ वर्तमान सरकार की हुई वार्ता में यह स्पष्ट किया गया था कि उन्हें जल्द ही स्थायी कर दिया जायेगा लेकिन झूठे वादे और सहायक पुलिसकर्मियों को ठग कर सत्ता में आई राज्य सरकार अब उनकी सुध तक नहीं ले रही है।