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    Home»Top Story»प्लांट नर्सरी का हब बन रहा खूंटी जिला, लोगों को हो रही अच्छी कमाई
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    प्लांट नर्सरी का हब बन रहा खूंटी जिला, लोगों को हो रही अच्छी कमाई

    shivam kumarBy shivam kumarJuly 23, 2024Updated:July 23, 2024No Comments3 Mins Read
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    खूंटी। आम, जामुन और कटहल जैसे फलों का हब कहे जाने वाले खूंटी जिले में प्लांट नर्सरी भी अब व्यवसाय का रूप लेती जा रही है। अधिक दिन नहीं हुए जब लोगों को किसी प्रकार के फल और फूल के पौधे खरीदने के लिए रांची जाना पड़ता था लेकिन अब खूंटी जिले में प्लांट नर्सरी की भरमार होती जा रही है। जिले के सभी छह प्रखंडों के दर्जनों गांवों में इन दिनों सैकड़ों पौधशालाओं का संचालन किया जा रहा है। हुटार, डांड़टोली, जिकिलता, मुरहू, तोरपा, अड़की सहित कई क्षेत्रों में इन दिनों सैकड़ों नर्सरी संचालित हैं।

    सरकार के वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के जरिए विभिन्न गांवों में प्लांट नर्सरी का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ लोग भी अब इसे व्यवसायिक रूप से अपनाने लगे। खूंटी के ग्रामीण इलाकों में ऐसी कई नर्सरी हैं, जहां विभिन्न तरह के फल और फूलों के पौधों के अलावा विदेशों से मंगाये गये पौधे भी उपलब्ध है। इन पौधशालाओं में सैकड़ों प्रजाति के फूलों-फलों के देशी-विदेशी पौधे उपलब्ध हैं। जिले में चल रही पौधशालाएं कई कई लोगों की आजीविका का आधार बन गई हैं। दिनों दिन इसका कारोबार फलता-फूलता जा रहा है। कई लोग नर्सरी के माध्यम से हर साल लाखों रुपये की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।

    नौकरी छोड़कर शुरू किया नर्सरी का व्यवसाय
    तोरपा प्रखंड के डांड़टोली में नर्सरी का संचालन करने वाले मनोज होरो कहते हैं कि उन्होंने कंप्यूटर इंजीयनीयिरिंग में डिप्लोमा किया है। उन्हें नौकरी भी मिल गइ थी लेकिन उनकी रुचि तो हॉर्टिकल्चर(बागवानी) में थी। उन्होंने अपने गांव आकर नर्सरी के क्षेत्र में हाथ बंटाया। उन्होंने कहा कि लगभग दो साल पहले ही उन्होंने व्यवसाय की शुरुआत की है। फिर भी आमदनी हो ही जाती है। फिलहाल उनकी नर्सरी लगभग तीन एकड़ में फैली हुई और भविष्य में इसके विस्तार की योजना है। मनोज होरो कहते हैं कि पर्यावरण संतुलन के लिए हर किसी को घरों और आसपास के इलाके में पौधारोपण जरूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी नर्सरी में विभिन्न प्रजाति के आम जैसे आम्रपाली, लंगड़ा, हापुश मालदा, दशहरी आदि के पौधों के अलावा कई तरह के फूल सुंदारी स्थायी पौधशाला में पांच से 15 रुपये की दर पर उपलब्ध हैं।

    खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर स्थित डांड़टोली में ही वन विभाग के जरिए सुंदारी स्थायी पौधशाला का संचालन किया जा रहा है। इस सरकारी नर्सरी में हर दिन विभिन्न तरह के पौधे तैयार किये जाते हैं और काफी कम कीमत पर इसे लोगों को मुहैया कराया जाता है। पौधशाला के कर्मचारी वरुणेंद्र मणिकर कहते हैं कि विभिन्न तरह के पौधों को तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि यहां काफी कम कीमत पर आम, लीची, सागवान, कटहल, अमरूद, महोगनी, जामुन, नीम, कनक चंपा, साल, अर्जुन, बड़हर और अशोक के साथ ही कई अन्य तरह के पौधे उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहां औषधीय और इमारती लकड़ी के पौधे भी उपलब्ध हैं। विभिन्न प्रजाति के फूलों के पौधे भी यहां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मलमी आम के पौधे की कीमत सौ रुपये जबकि बीजू आम और अन्य सभी तरह के फलदार और औषधीय पौधे पांच से 15 रुपये में उपलब्ध हैं। मणिकर ने कहा कि ढाई एकड़ के क्षेत्रफल में फैली पौधशाला में हर दिन बीजों और रूटसूट से पौधे तैयार करने की प्रक्रिया जारी रहती है। हर दिन मजूदर काम पर लगे रहते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण करें और उसका संरक्षण करें।

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