कोलंबो। श्रीलंका की सरकारी ‘एयरलाइंस लिमिटेड और एयरपोर्ट एंड एविएशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ में हुए भ्रष्टाचार की परतें जल्द खुल सकती हैं। राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने नए सिरे जांच कराने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि जांच से दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा। जांच के दायरे में 2010 से 2025 के बीच हुए सौदों को भी शामिल किया गया है।
डेली मिरर अखबार की खबर के अनुसार, श्रीलंका की सरकार ने सरकारी एयरलाइंस में हुई धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के गंभीर आरोपों की जांच के लिए विशेष राष्ट्रपति जांच समिति गठित की है। इस समिति ने बीते कल राष्ट्रपति सचिवालय में बैठक के दौरान दिसानायके से मुलाकात की।
राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि लंबे समय से चल रहे कुप्रबंधन और उचित जांच के अभाव ने दोनों संस्थानों ने विश्वसनीयता खो दी है। प्रभावी अंकुश न होने के कारण बेधड़क गोलमाल होता रहा। उन्होंने समिति से कहा कि तत्काल जांच करकर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इस रिपोर्ट में कदाचार रोकने के उपाय भी शामिल किए जाएं।
इस समिति में राष्ट्रपति के अतिरिक्त सचिव केएनएम कुमारसिंघे को सचिव और संयोजक नियुक्त किया गया है। समिति के सदस्यों में सेवानिवृत्त महालेखा परीक्षक एचएम गामिनी विजेसिंघे, सेवानिवृत्त अतिरिक्त महानिदेशक सीमा शुल्क ज्ञानसिरी सेनानायके, राष्ट्रीय बचत बैंक के अध्यक्ष दुशांत बसनायके, अटॉर्नी-एट-लॉ, डॉन चामिंडा जे. अथुकोराला और सार्वजनिक उद्यम विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक एनएएचके विजेरत्ने हैं।
जांच के दायरे में श्रीलंकाई एयरलाइंस और हवाई अड्डे एवं विमानन सेवाओं को शामिल किया गया है। यह समिति जेसी वेलियामुना समिति की रिपोर्ट और महालेखा परीक्षक की विशेष जांच रिपोर्ट सहित पिछली जांचों के निष्कर्षों की भी जांच करेगी। इसका मुख्य कार्य वित्तीय और प्रशासनिक कदाचार के लिए उत्तरदायी अधिकारियों की पहचान करना भी है।