रांची/बोकारो। झारखंड के बोकारो में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी नक्सली कुंवर मांझी मारा गया है। लेकिन इस मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के एक जवान शहीद हो गए हैं। वहीं, नक्सलियों की गोली लगने से एक ग्रामीण की भी मौत हुई है।

दस्ते के मूवमेंट पर चला था अभियान, एके 47 बरामद

बोकारो रेंज के आईजी क्रांति कुमार गड़देशी ने बताया कि बुधवार के तड़के लुगू पहाड़ी के आस पास नक्सलियों के एक दस्ते के क्रियाशील होने की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर केंद्रीय बलों के साथ बोकारो पुलिस के द्वारा विशेष अभियान शुरू किया गया। जंगल में सर्च के दौरान ही पुलिस का नक्सलियों से सीधे सामना हो गया।

इसके बाद दोनों तरफ से मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें 5 लाख का इनामी कुंवर माझी मार गया। कुंवर के मारे जाने के बाद उसका एके-47 राइफल भी पुलिस के द्वारा बरामद किया गया है। नक्सलियों के द्वारा किए गए अचानक हमले में कोबरा के जवान प्रनवेश्वर शहीद हो गए। शहीद प्रनवेश्वर असम के रहने वाले थे।

ग्रामीण को आगे कर की फायरिंग

पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सलियों ने कुछ ग्रामीणों को आगे कर पुलिस से बचने की कोशिश की। इसमें भी जब नक्सली कामयाब नहीं हुए, तब उन्होंने एक ग्रामीण की गोली मारकर मौके पर हत्या कर दी। ताकि पुलिस को मौके पर भटकाया जा सके। मारा गया ग्रामीण लुगू इलाके का ही रहने वाला था।

लुगू पहाड़ी पर एनकाउंटर

पुलिस और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ उसी लुगू पहाड़ पर हुई है, जहां इसी साल अप्रैल महीने में एक करोड़ का इनामी विवेक सहित आठ नक्सली एनकाउंटर में मारे गए थे। आईजी बोकारो ने बताया कि नक्सलियों की तलाश में अभी भी इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।

ताकत बढ़ाने में लगा था संगठन, एक साथ मारे गए थे सभी

04 अप्रैल 2025 को बोकारो के लुगू पहाड़ वाले इलाके में ही भाकपा माओवादियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ विवेक समेत पूरे दस्ता सफाया हो गया था। चार अप्रैल को एक करोड़ के इनामी विवेक सहित आठ लुगू पहाड़ी पर ही मारे गए थे। अब इस इलाके में सक्रिय पांच लाख का इनामी कुंवर मांझी भी मारा गया है।

बता दें कि पिछले एनकाउंटर में भाकपा माओवादियों के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में एक ही झटके में माओवादी संगठन का खात्मा हो गया था। पिछले छह महीने से सारंडा इलाके में केंद्रीय बलों की मदद से भाकपा माओवादियों के ईआरबी सचिव मिसिर बेसरा, सेंट्रल कमेटी मेंबर पतिराम मांझी और आकाश मंडल उर्फ तिमिर, अनमोल के दस्ते के खिलाफ अभियान जारी है।

सारंडा में चल रहे निर्णायक ऑपरेशन को लेकर भाकपा माओवादी दबाव में थे। इस दबाव को कम करने की जिम्मेदारी सेंट्रल कमेटी मेंबर प्रयाग मांझी को दी गई थी। प्रयाग मांझी बीते एक साल से नए लड़कों को जोड़कर भाकपा माओवादी कैडर को मजबूत करने में लगा था, ताकि सारंडा में कमजोर पड़ने पर उत्तरी छोटानागपुर में नया आधार बनाया जा सके।

झारखंड पुलिस की खुफिया विभाग को माओवादियों के रिक्रूटमेंट ड्राइव चलाने की जानकारी साल 2024 में सामने आयी थी, जिसे लेकर एनआईए ने केस दर्ज कर जांच भी की थी। प्रयाग मांझी बीते एक सालों से लगातार अपने हथियारबंद दस्ते के साथ लुगू पहाड़, पारसनाथ और झुमरा के इलाकों में अपना लोकेशन बदल-बदल कर रह रहा था। विवेक के द्वारा संगठन को दोबारा मजबूत करने की सूचना मिलने के बाद झारखंड पुलिस का इंटेलिजेंस विभाग पूरी तरह से एक्टिव होकर उसकी जानकारी हासिल करने में लगा हुआ था।

कंफर्म इंटेलिजेंस के आधार पर ही 4 अप्रैल 2025 को विवेक उर्फ प्रयाग मांझी सहित आठ मारे गए थे। अब नक्सलियों को एक और बड़ा झटका लगा है। बुधवार को हुए एनकाउंटर में कुंवर माझी भी मारा गया, जिस पर 5 लाख का इनाम था। हालांकि इस एनकाउंटर में पुलिस को भी नुकसान उठाना पड़ा है। कोबरा बटालियन का एक जवान शहीद हुआ है। जबकि एक सिविलियन को भी अपनी जान गंवानी पड़ी।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version