रांची। झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री सह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की रविवार को अपने पैतृक गांव बनहोरा में फिर एक बार किसान की भूमिका में नजर आए। बंधु तिर्की सुबह-सुबह हल बैल के साथ अपने खेत में उतरे। सबसे पहले उन्होंने पानी से भरे खेत को जोतने का काम किया, फिर उन्होंने धान की रोपनी भी की।

बंधु तिर्की ने कहा कि मेरा मानना है कि आधुनिकता के दौर में बदलाव जरूरी है पर अपनी जमीन और परम्परा से जुड़ाव उससे भी ज्यादा जरूरी है। खेत-खलिहान से ही समृद्ध झारखंड के निर्माण का रास्ता प्रशस्त होता है। ये मिट्टी और इस मिट्टी की उपज ही हमारे जीवन का मूल आधार है। इसके बगैर मनुष्य का जीवित रहना असंभव है।

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