रांची। झारखंड के वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व सांसद और इंटक नेता ददई दुबे का दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और इलाज के क्रम में उन्होंने राजधानी में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से झारखंड की सियासत और श्रमिक संगठनों में शोक की लहर है।
चंद्रशेखर दुबे, जिन्हें ददई दुबे के नाम से जाना जाता था, का जन्म 2 जनवरी 1946 को हुआ था। वे बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक रहे। झारखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य कर चुके थे। वर्ष 2013 में हेमंत सोरेन सरकार में उन्हें राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी।
ददई दुबे 14वीं लोकसभा में धनबाद लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। वे लंबे समय तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े रहे और पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार थे। साथ ही, वे इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोयला मजदूर संघ के महासचिव भी थे और श्रमिक आंदोलनों में उनकी सक्रिय भूमिका रही।
दुबे नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य भी थे, जिन्हें झारखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित किया गया था। जुलाई 2015 में एक मामले में उन्हें पुलिस से झड़प के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के तहत राहत मिली। उनके निधन पर विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और श्रमिक संगठनों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। पार्टी नेताओं ने उन्हें एक संघर्षशील, ज़मीनी और निडर नेता के रूप में याद किया है। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया दिल्ली में ही संपन्न होने की संभावना है।