नई दिल्ली। भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते को लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशभर के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। शिवराज ने कहा कि यह समझौता अद्भुत, अभूतपूर्व, ऐतिहासिक और राष्ट्र तथा किसानों के व्यापक हित में है।

केंद्रीय मंत्री चौहा ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारा ब्रिटेन के साथ जो व्यापक आर्थिक व्यापार समझौता हुआ है, वो भारतीय कृषि और किसानों के लिए वरदान है। भारत ट्रेड सरप्लस देश है, मतलब यूनाइटेड किंगडम (यूके) को 8 हज़ार 500 करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद हम निर्यात करते हैं और वहां से हम 3 हज़ार 200 करोड़ रुपए के कृषि उत्पाद आयात करते हैं। मतलब, हमारा निर्यात ज़्यादा है व आयात कम है और इसका फ़ायदा निर्यात ज़्यादा होगा तो निश्चित तौर पर भारत को मिलेगा।

शिवराज ने कहा कि किसानों के हितों का पूरी तरह संरक्षण किया गया है। किसान हित हमारे लिए सर्वोपरि है। किसानों की सेवा भगवान की पूजा जैसी है। इसलिए, ऐसी चीजें, जिनके आयात से हमारे किसानों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता था, उनमें कोई रियायत समझौते पर नहीं दी गई है। गेहूं, चावल, मक्का, अनाजों में जिनका व्यापक उत्पादन होता है हमारे यहां, भारत ने कोई कन्सेशन नहीं दिया है। अगर हम फलों में देखें तो सेब, अनार, अंगूर, नाशपाती, आलू बुखारा, फलों का राजा आम, अमरूद इन पर भी हमने कोई कन्सेशन नहीं दिया है। हम ऑयल सीड्स को देखें, तिलहन को देखे तो सोयाबीन, मूंगफली, सरसों में हमने कोई रियायत नहीं दी है, वहीं नट्स को देखें तो काजू, बादाम, अखरोट इन पर हमने कोई रियायत नहीं दी है। सब्जियों में आलू, प्याज़, टमाटर, लहसुन, मटर जो हमारे यहां व्यापक पैमाने पर होता है, हमने यूके को कोई कन्सेशन नहीं दिया है। इसी तरह, दलहन में काला चना, चना, उड़द, मूंग, मसूर, राजमा, तुअर इन पर हमने कोई छूट यूके को नहीं दी है। फूलों में गुलाब, लीली, ऑर्किड इन पर हमने कोई रियायत नहीं दी है। मसालों में हल्दी, बड़ी इलायची जैसे मसालों पर भी हमने कोई छूट नहीं दी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसका मतलब है कि ये चीजें भारत में यूके से सस्ती नहीं आएंगी तो किसानों के आर्थिक हित सुरक्षित रखे गए हैं।

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