कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषियों के उत्पीड़न को लेकर झूठा नैरेटिव खड़ा करने का आरोप लगाया है।

कोलकाता पहुंचने के बाद गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि देश में कहीं भी बंगाली भाषी लोगों के साथ किसी भी प्रकार का अनावश्यक उत्पीड़न नहीं हो रहा है। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के पास चुनाव से पहले कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए मुख्यमंत्री झूठा नैरेटिव गढ़कर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही हैं। यह वही तरीका है जिसे वे पहले भी अपनाती रही हैं।

मिथुन चक्रवर्ती ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा लगाए गए उस आरोप को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग भाजपा और केंद्र सरकार के कहने पर बंगाल के वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटवा रहा है। देश में कहीं भी असली बंगाली वोटरों के नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जा रहे हैं। केवल वे नाम हटाए जा रहे हैं जो अवैध रूप से देश में घुसे हैं और बाद में फर्जी तरीके से मतदाता सूची में नाम जुड़वाए हैं। उन्हाेंने यह भी दावा किया कि सबसे अधिक अवैध घुसपैठिए, जिनके नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं, वे पश्चिम बंगाल में ही हैं।

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को मालूम है कि अगर इन घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए, तो वे 2026 के विधानसभा चुनाव में 294 में से 70 सीटें भी नहीं जीत पाएंगे। इसी डर से वे घबरा गए हैं और चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष पुनरीक्षण अभियान का विरोध कर रहे हैं। मिथुन चक्रवर्ती ने भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे चुनाव आयोग को उन अवैध घुसपैठियों की पहचान करने में मदद करें, जिन्होंने फर्जी तरीके से अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा लिए हैं।

गौरतलब है कि, तृणमूल कांग्रेस शुरुआत से ही इस विशेष पुनरीक्षण अभियान का विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे पश्चिम बंगाल में इस प्रक्रिया की इजाजत नहीं देंगी। उनका आरोप है कि यह कवायद राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने की दिशा में एक परोक्ष प्रयास है।

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