विशेष
पीएम मोदी ने लोकसभा में लिखी मां भारती की शौर्य गाथा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान विपक्ष के हर वार को किया नाकाम
एक वाक्य बोल कर ही चलाया ऐसा ब्रह्मास्त्र कि विपक्ष हो गया बेनकाब

नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की शौर्यगाथा को जिन अक्षरों में लिखा, उससे न केवल उनकी नेतृत्व क्षमता एक बार फिर प्रमाणित हुई, बल्कि विश्वगुरु बनने की राह पर लगातार आगे बढ़ रहे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की इच्छाशक्ति को दुनिया ने देखा-सुना। पीएम मोदी ने अपने संवोधन की शुरूआत में जैसे ही कहा, ‘मैं भारत का पक्ष रखने के लिए खड़ा हुआ हूं’, पूरे विपक्ष को जैसे सांप सूंघ गया। इन वाक्य ने जैसे ब्रह्मास्त्र का काम किया और भारत की आन-बान-शान को कई गुना बढ़ा दिया। पीएम मोदी ने विपक्ष को यह कह कर पूरी तरह बेनकाब कर दिया कि जिन्हें भारत का पक्ष नहीं दिखता है, उन्हें आइना दिखाने के लिए खड़ा हुआ हूं। पीएम मोदी के ये शब्द सुनने में बहुत साधारण लगते हैं, लेकिन इसके मायने बहुत गहरे हैं। अपने पूरे भाषण में पीएम मोदी ने केवल मां भारती के उस शौर्य का गुणगान किया और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भारत की स्थापित अवधारणा को पुनर्स्थापित किया। दरअसल पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में चर्चा को विजयोत्सव से जोड़कर विपक्ष के उन सवालों का जवाब दिया, जिसमें वह पाकिस्तान से संघर्ष विराम को लेकर मोदी सरकार को घेर रहा था। उन्होंने एक बार फिर से जाहिर कर दिया कि वह भारत के प्रतिनिधि हैं और उसी नाते इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी-जवाबदेही ले रहे हैं। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मायने बहुत गहरे हैं। क्या हैं इस संबोधन का असली मतलब और इसके राजनीतिक संदेश, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर लोकसभा में दो दिन तक हुई चर्चा के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जवाब देने के लिए खडेÞ हुए, तो शायद विपक्ष को भी यह अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि प्रधानमंत्री विपक्ष को इस कदर एक-एक बिंदु पर इतना करारा पलटवार करेंगे। उनके भाषण में तथ्य था, आक्रामकता थी, विपक्ष पर वार था और सेना के शौर्य का गुणगान था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात की शुरूआत ही विजयोत्सव से की और साफ कहा कि यह विजयोत्सव आतंकियों के हेडक्वार्टर को मिट्टी में मिलाने का है, यह विजयोत्सव सिंदूर की सौगंध पूरा करने का है, यह विजयोत्सव सेना के शौर्य की विजयगाथा है।

प्रधानमंत्री ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अपनी बात विस्तार से रखते, उससे पहले ही उन्होंने यह बता दिया कि लोकसभा में उनका यह बयान उन लोगों को आइना दिखाने का प्रयास है, जिन्हें भारत का पक्ष नहीं दिखता है। उन्होंने पहलगाम हमले को भारत को हिंसा की आग में झोंकने की सुविचारित प्रयास करार दिया और कहा कि हमले के बाद ही पहलगाम के बाद सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी गयी थी। पीएम मोदी का यह बयान राहुल गांधी के उस आरोप का पलटवार था, जिसमें नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सेना को खुली छूट नहीं थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सेना के शौर्य की पीएम मोदी ने खुल कर सराहना की और कहा कि आतंकियों को ऐसी सजा दी गयी कि आज भी आतंक के उन आकाओं की नींद उड़ी हुई है। प्रधानमंत्री ने बताया कि हमारी सेना ने 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला निर्धारित लक्ष्य के साथ ले लिया। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की हालत को बयां करते हुए कहा कि हमले ने पाकिस्तान के कोने-कोने में आतंकी अड्डे को धुआं-धुआं कर दिया और पाकिस्तान की परमाणु धमकी को भी झूठा साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि हालत यह है कि आज तक पाकिस्तान के कई एयरबेस आइसीयू में प़ड़े हैं। पीएम ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया और कहा कि न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग न चलेगी और न भारत इसके आगे झुकेगा।

प्रधानमंत्री ने एक और बात साफ कर दी कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है और अगर पाकिस्तान ने दोबारा दुस्साहस किया, तो उसे करारा जवाब मिलेगा। विदेश नीति के मसले पर लोकसभा में चर्चा के दौरान तमाम विपक्षी नेताओं ने सवाल किया और पूछा कि आखिरकार संघर्ष विराम किसके दबाव में हुआ। प्रधानमंत्री ने सख्त लहजे में बता दिया कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत को ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा था। उन्होंने देश को बताया कि नौ मई को अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें फोन करके बताया था पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है। इस पर उन्होंने अमेरिकी उप राष्ट्रपति को साफ कह दिया था कि अगर पाकिस्तान का हमले का इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा। उन्होंने अमेरिकी उप राष्ट्रपति को साफ शब्दों में बता दिया कि भारत गोली का जवाब गोले से देगा।

पीएम ने बताया कि कैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का दुनिया ने समर्थन किया। उन्होंने बताया कि दुनिया में किसी भी देश ने भारत को कार्रवाई से नहीं रोका। केवल तीन देशों ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया था। इस मामले में विरोधियों पर हमला करते हुए पीएम ने कहा कि कुछ लोग सेना के तथ्यों की जगह पाकिस्तान के झूठ को आगे बढ़ाने में लगे हैं।

पहलगाम पर विपक्ष के रुख पर बरसते हुए पीएम ने कहा कि पहलगाम में मारे गये लोगों में भी विपक्ष अपनी राजनीति तलाश रहा था। उन्होंने चेताया कि आप मीडिया में हेडलाइन तो ले सकते हैं, लेकिन देशवासियों के दिलों में जगह नहीं बना सकते। चर्चा के दौरान विपक्ष ने संघर्ष विराम पर सवाल उठाया, तो प्रधानमंत्री ने उसका भी बहुत विस्तार से जवाब दिया और कहा कि हमारी सेना ने पाकिस्तान के हर कोने में प्रचंड प्रहार किया और हमारी मिसाइलों ने पाकिस्तान को घुटनों पर आने के लिए मजबूर कर दिया। हमला इतना तगड़ा था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने फोन करके कहा, बस करो बहुत मारा, प्लीज हमला रोक दो।

जाहिर सी बात है कि पीएम ने देशवासियों को साफ बता दिया कि सेना के शौर्य के आगे पाकिस्तान कांप गया। कांग्रेस के पी चिदंबरम, प्रणीति शिंदे जैसे नेताओं के बयानों का भी पीएम मोदी ने जिक्र किया और कहा कि देश आत्मनिर्भर हो रहा, लेकिन कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग प्रपंच के प्रवक्ता बन गये हैं और अब कांग्रेस का भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बनता और बिगड़ता है। पीएम मोदी ने कहा कि देश हैरान है कि कांग्रेस ने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी है और इनकी ये हिम्मत कि आतंकी पाकिस्तानी थे, इसके सबूत मांग रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम के आतंकी पाकिस्तान से थे। कांग्रेस उस पर सरकार से सबूत मांग रही है और यही सब पाकिस्तान भी मांग रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पहलगाम के गुनहगारों को अंजाम तक पहुंचाया गया है, लेकिन उस पर भी सवाल उठ रहे हैं।

पुराने उदाहरणों के जरिये प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे मुंबई आतंकी हमले के बाद भी कांग्रेस का पाकिस्तान से प्रेम नहीं रुका और विदेशी दबाव में उस समय की सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत शुरू कर दी। पुरानी कांग्रेस सरकारों पर हमला करते हुए पीएम ने कहा कि देश पर पाक प्रायोजित बड़े-बड़े हमले होते थे, लेकिन यूपीए सरकार ने पाकिस्तान को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्ज दिया हुआ था। पाकिस्तान वहां से आतंकियों को भेजता रहा और कांग्रेस यहां अमन की आस के मुशायरे करती रही, लेकिन मोदी सरकार ने पाकिस्तान का ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा हटाया और अटारी बॉर्डर पर ट्रेड बंद किया।

बात निकली तो सिंधु जल समझौते तक गयी, जिसे पीएम मोदी ने भारत की अस्मिता और स्वाभिमान के साथ किया गया बहुत बड़ा धोखा करार दिया। पीएम ने बताया कि कैसे इस समझौते से सिर्फ 20 फीसदी पानी देश को मिला, 80 प्रतिशत पानी उसको दिया, जो भारत को खुलेआम दुश्मन करार देता है, जबकि इस पानी पर देश का हक था। 2014 के बाद देश में आतंकी घटनाओं को भी पीएम मोदी ने आंकड़ों के जरिये रखा और कहा कि अब इसमें काफी कमी आ गयी है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर वार किया, तो नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि दल हित में हमारे मत मिले न मिले, लेकिन देश हित में हमारे मन जरूर मिलने चाहिए।

कुल मिला कर पीएम मोदी ने लोकसभा में जो भाषण दिया, उसने उनकी राजनीतिक इच्छाशक्ति और भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने के उनके संकल्प को ही पुनर्परिभाषित किया, जिसका जवाब लंबे समय तक विपक्ष को देते नहीं बनेगा।

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