रांची। श्रवण नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में बहनें इस वर्ष नौ अगस्त को दिनभर राखी बांधेंगी। इस वर्ष रक्षाबंधन पर बहुत ही शुभ और दुर्लभ योग का संयोग बनने जा रहा है। श्रावण माह की पूर्णिमा और रक्षाबंधन एक ही दिन मनाया जाता है। लेकिन, इस बार व्रत की पूर्णिमा आठ अगस्त को है और स्नानदान की पूर्णिमा नौ अगस्त शनिवार को मनाई जाएगी। उदयातिथि ‘होने के कारण रक्षाबंधन का त्योहार नौ अगस्त को मनाया जाएगा। बहनें दिनभर राखी बांध सकेंगी। आचार्य मनोज पांडेय ने कहा कि नौ अगस्त को रक्षाबंधन पर गुरु और शुक्र की युति है। साथ ही सावन माह का समापन शनिवार के दिन होगा, जिसमें चंद्रमा शनि के कुंभ राशि में विराजमान होंगे और सावन पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन भी शनिवार को है। इससे शनिदेव के साथ-साथ शिवजी की भी विशेष कृपा प्राप्त होगी।

उन्होंने कहा कि सावन पूर्णिमा के दिन अंतिम शनिवार होने के कारण विशेष रूप से शुभ रहेगा। नौ अगस्त को सूर्योदय के बाद से पूरे दिन राखी का त्योहार मनाया जाएगा। आचार्य ने कहा कि इस रक्षाबंधन योगों का महासंयोग रहेगा। नौ अगस्त को श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो अति शुभ फलदायक है। शनिवार के दिन अगर श्रवण नक्षत्र हो तो यह पूजनीय माना जाता है। श्रवण नक्षत्र के साथ आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और जयद योग के शुभसंयोग में रक्षा बंधन मनाया जाएगा।

8 अगस्त को व्रत की पूर्णिमा, 9 को स्नानदान की पूर्णिमा मनाई जाएगी
आचार्य ने कहा कि रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई के प्रति परस्पर प्रेम को प्रदर्शित करेंगी। इस दिन बहनें भाई की लंबी आयु, स्वास्थ्य और सफलता की कामना कर भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं। इसके बाद भाई बहन को आजीवन रक्षा का वचन देता है, साथ ही बहन को उपहार भी देता है। बहनें नौ अगस्त को सूर्योदय के बाद पूरे दिन राखी बांध सकेंगी।

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