चीन ने गुरुवार को कहा कि भारत को सीमा पर शांति कायम रखने की इच्छा अपने कामों से दिखानी चाहिए। चीन ने दावा किया कि सीमा पर उसकी तरफ से एक सड़क बनाने के प्रयासों को रोकने के लिए डोकलाम क्षेत्र में 48 भारतीय सैनिकों के पीछे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
एक बयान में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि भारतीय पक्ष का रवैया गैर जिम्मेदाराना और लापरवाह लगता है। शुआंग ने कहा कि अभी तक डोकलाम क्षेत्र में 48 भारतीय सैनिक और एक बुलडोजर तैनात है। उन्होंने इसे चीन की सीमा में घुसपैठ बताया। हालांकि भारत कहता है कि यह क्षेत्र भूटान का है। गेंग ने कहा कि सीमा के पार भारत की तरफ अब भी बड़ी संख्या में सैन्य बल मौजूद है।
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प्रवक्ता ने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि कितने भारतीय सैनिको ने अवैध रूप से सीमा पार की और अभी भी चीनी क्षेत्र में हैं, यह चीन की क्षेत्रीय अखंडता के गंभीर उल्लंन तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंन की प्रकृति को नहीं बदलता है। यह घटना अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है। भारतीय पक्ष को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
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गेंग ने फिर दोहराया कि 18 जून को करीब 270 भारतीय सैनिक चीन की सीमा में सड़क निमार्ण में बाधा पहुंचाने के लिए चीन की जमीन पर सौ मीटर से अधिक अंदर घुस आए। गेंग ने बयान में कहा कि भारतीय पक्ष हमेशा शांति की बात करता है। लेकिन हमे केवल शब्दों को नहीं सुनना चाहिए बल्कि उसके कामों पर भी ध्यान देना चाहिए।