चंडीगढ़:  हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला का बेटा विकास बराला और उसका दोस्त आशीष कुमार बुधवार अपराह्न चंडीगढ़ पुलिस के सामने पेश हुए। पुलिस इन्हें आईएएएस अधिकारी की बेटी का पीछा करने के मामले में पूछताछ के लिए ले गई है। भारी ड्रामे के बीच दोनों आरोपी सेक्टर-26 स्थित पुलिस स्टेशन पहुंचे। विकास और उसका दोस्त एन्डेवर एसयूवी कार से बारिश के बीच चंडीगढ़ पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने मीडिया और कांग्रेस प्रदर्शनकारियों से आरोपियों को दूर रखने के लिए पुलिस स्टेशन परिसर के अंदर सुरक्षा घेरा बना रखा था।

अपने आधिकारिक आवास पर सुभाष बराला ने बेटे का फोन आने का बहाना बनाते हुए खीझ में संवाददाता सम्मलेन बीच में ही छोड़ दिया क्योंकि उनके लिए मीडिया के सवालों का जवाब देना मुश्किल हो गया था।

विकास और आशीष को सुबर 11 बजे पुलिस के सामने पेश होने के लिए समन भेजा गया था, लेकिन आखिरकार दोनों अपराह्न 2.30 बजे पहुंचे।

चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) तेजिंदर एस. लूथरा ने यहां बुधवार सुबह मीडिया को बताया कि शहर की पुलिस इस मामले में जरूरी कदम उठाएगी।

चंडीगढ़ पुलिस इस मामले में आरोपियों का बचाव करने को लेकर संदेह के घेरे में आई हुई है।

लूथरा ने कहा कि शनिवार को आरोपियों ने चिकित्सकीय जांच के लिए अपने खून और पेशाब के नमूने देने से मना कर दिया था।

लूथरा के मुताबिक, ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक खून और पेशाब के नमूने लेना चाहते थे, लेकिन लॉ ग्रेजुएट होने के नाते आरोपी भी अच्छी तरह कानून जानते हैं। इसलिए, उन्होंने नमूने देने से इनकार कर दिया। हालांकि इस तरह से इनकार करना जांच और मुकदमे के दौरान उनके विरुद्ध जा सकता है।

घटना के पांच दिनों बाद पहली बार मीडिया के सामने आए डीजीपी ने कहा, मैं आश्वासन देता हूं कि मामले में इंसाफ के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी मामले से जुड़े हाई-प्रोफाइल आरोपियों से पल्ला झाड़ लिया है।

हरियाणा भाजपा प्रवक्ता जवाहर यादव ने कहा, विकास बराला जांच में साथ देंगे या नहीं, इसका फैसला उन्हें करना है। भाजपा का इससे कुछ नहीं लेना-देना है।

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