वाशिंगटनः अमरीकी राष्‍ट्रपति डोनल्‍ड ट्रम्‍प ने उस विधेयक पर स्‍वीकृति दे दी है जिसके तहत देश में वैध रूप से आने वाले विदेशियों की संख्‍या काफी कम की जा सकेगी। इससे योग्‍यता के आधार पर वीजा देने की योजना लागू की जा सकेगी जिससे भारत जैसे देशों के उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त लोगों और टैक्‍नोलॉजी विशेषज्ञों को फायदा होगा।

डोनाल्ड ट्रंप ने नई इमिग्रेशन पॉलिसी का ऐलान किया है जिसके जरिए कई लोगों को मेरिट के आधार पर अमेरिका में रहने का कार्ड यानि अमेरिकी वीजा मिल सकता है। अगर यह प्रस्ताव अमेरिका की कांग्रेस में पास होता है, तो इससे सीधे तौर पर भारत समेत कई देशों को फायदा हो सकता है। इस एक्ट को रिफॉर्मिंग अमेरिकन इमिग्रेशन फॉर स्ट्रॉन्ग इम्प्लोयमेंट ( Reforming American Immigration for Strong Employment-RAISE) एक्ट कहा जा रहा है।

ट्रंप ने नई इमिग्रेशन पॉलिसी आने के बाद अमेरिका में दूसरे देशों से आने वालों को ग्रीन कार्ड देने के लिए अभी लॉटरी सिस्टम अपनाता है, जिसे अब खत्म कर प्वाइंट सिस्टम शुरू करने की तैयारी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी नए इमीग्रेशन कानून का समर्थन किया है. इससे उनको अधिक फायदा होगा जिनकी इंग्लिश अच्छी होगी, पढ़ाई का स्तर अच्छा होगा. व्हाइट हाउस में इस एक्ट का ऐलान करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस एक्ट के आने से गरीबी कम होगी, वहीं टैक्स देने वाले लोगों का पैसा भी बचेगा। इसके जरिए दूसरे देश के लोगों को अमेरिका के लिए ग्रीन कार्ड मिलेगा। डोनॉल्ड ट्रंप बोले कि इस एक्ट के जरिए पुराना सिस्टम खत्म होकर, नियम के अनुसार प्वाइंट बेस सिस्टम शुरू होगा।

इस एक्ट के आने के बाद उन लोगों को ग्रीन कार्ड हासिल करने में आसानी होगी, जिन्हें अच्छी इंग्लिश बोलनी आती है, जो लोग अपना खर्च उठाने के लिए सक्षम हैं और अपने कौशल के द्वारा अमेरिका की इकॉनोमी को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के साथ किसी अमेरिकी कर्मचारी के साथ भी भेदभाव नहीं हो पाएगा। ट्रंप ने कहा कि अब ऐसा नहीं हो पाएगा कि कोई भी अमेरिका में आएगा, और आसानी से पैसा कमाना शुरू कर देगा। अगर आपके पास स्किल है तभी आप लोग यहां पर काम कर सकते हैं।

बता दें कि ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद H1B वीजा पर कड़ा रुख अपनाया था. जिससे प्रवासी लोगों को काफी फर्क पड़ा था. एच1बी वीजा ऐसे विदेशी पेशेवरों के लिए जारी किया जाता है जो ऐसे ‘खास’ कामों के लिए स्किल्ड होते हैं.

अमेरिका में हर साल करीब 65000 को लॉटरी सिस्टम के जरिए ऐसे वीजा जारी किए जाते हैं. आईटी कंपनियां इन प्रोफेशनल पर ज्यादा निर्भर होती है. साल 2017- 2018 के लिए एच1बी वीजा जारी करने के लिए सोमवार को बिना किसी बदलाव के लॉटरी सिस्टम शुरू हो चुका है.

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