बच्चों और किशोरों को खुदकुशी के लिए उकसाने वाली ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल के खतरे के मद्देनजर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों में इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बोर्ड की ओर से स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वह बच्चों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में जानकारी देने के साथ यह सुनिश्चित करे कि स्मार्टफोन, टैबलेट, आई पैड, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बिना इजाजत स्कूल में नहीं लाए जा सके।

इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग की जानकारी देनी चाहिए
सीबीएसई ने स्कूलों को डिजिटल टेक्नॉलॉजी के सुरक्षित उपयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साइबर क्राइम व साइबर बदमाशी को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन में बताया गया है कि बच्चों द्वारा इस्तेमाल कर रहे कंप्यूटर्स को ऐसे जगह रखा जाए जहां से उस पर नजर रखा जा सके। इसके साथ ही स्कूल को यह भी निर्देश दिया गया है कि छात्रों को इंटरनेट के इस्तेमाल करने पर सुरक्षा और प्रभाव के बारे में बताया जाए। इंटरनेट के इस्तेमाल करने पर डिजिटल निगरानी की व्यवस्था हो। बच्चों को केवल पहले से चयन किए हुए वेबसाइट तक पहुंचने की अनुमति देना होगा।

शिक्षक, स्कूली स्टाफ और पैरेंट्स को भी इंटरनेट की सुरक्षा के मानदंड के बारे में अवगत कराएं ताकि वह बच्चों पर नजर रख सके। लाइसेंस वर्जन वाले ही सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। काल्पनिक बच्चों व किसी समूह के नाम से अकाउंट बनाने की अनुमति न दी जाए। शिक्षा से संबंधित सभी गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए। अन्य विद्यालयों से अपने स्कूली इंटरनेट को अलग रखें। स्कूल में मौजूद सभी कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर मैकेनिज्म पर निगरानी रखने के साथ हर इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न तरह के सामग्री को ब्लॉक जरुर करें।

स्कूलों के प्राचार्य रखेंगे ध्यान
सीबीएसई के परिपत्र में कहा गया है कि यह सूचित किया जाता है कि दृश्य या श्रव्य सामग्री को संग्रहित, रिकॉर्ड या प्ले कर सकने में समक्ष स्मार्ट मोबाइल फोन, टैबलेट, आई पैड, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक संचार उपकरणों को स्कूल या स्कूल बसों में बिना अनुमति के नहीं लाया जाए। स्कूल में प्राचार्य और स्कूल बसों में परिवहन प्रभारी इस बात का ध्यान रखें कि मोबाइल फोन नहीं लाया जा सके।

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