नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति डोरिस ल्यूथार्ड 30 अगस्त को तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत आने वाले हैं। यह स्विट्जरलैंड के किसी राष्ट्रपति की चौथी भारत यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय से जारी वक्तव्य में कहा गया है, स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति के साथ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और स्विट्जरलैंड की कई बड़ी कंपनियों के कारोबारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी आएगा।
भारत यात्रा के दौरान ल्यूथार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे।
उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अन्य मंत्री भी ल्यूथार्ड से मुलाकात करेंगे।
स्विट्जरलैंड, भारत के साथ कारोबार करने वाला का सातवां सबसे बड़ा देश है। स्विट्जरलैंड के साथ भारत का 2016-17 में कारोबार 18.2 अरब डॉलर रहा।
भारत अपने कुल वैश्विक कारोबार का 2.76 फीसदी द्विपक्षीय कारोबार के रूप में करता है, जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के चलते मिला-जुला रुख देखने को मिला है।
अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2016 के बीच स्विट्जरलैंड ने भारत में 3.57 अरब डॉलर के करीब निवेश किया और इस तरह 11वां सबसे बड़ा निवेशक रहा। इस अवधि में स्विट्जरलैंड का यह निवेश भारत में हुए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का 1.2 फीसदी रहा।
भारत की भी करीब 100 कंपनियों ने 2013-14 से 2015-16 के बीच स्विट्जरलैंड में 1.42 अरब डॉलर का निवेश किया है।
टीसीएस, इनफोसिस और टेक महिंद्रा सहित भारत की अग्रणी आईटी कंपनियों ने स्विट्जरलैंड में कार्यालय खोल रखा है और स्विट्जरलैंड की अग्रणी औषधि निर्माता कंपनियों, बैंकों और बीमा कंपनियों को सेवाएं देती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून, 2016 में स्विट्जरलैंड दौरे पर गए थे। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान स्विट्जरलैंड ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के प्रति समर्थन जाहिर किया था। इसके अलावा भारतीयों द्वारा स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा कराए गए काले धन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी।