श्रीनगर: कश्मीर में सुरक्षाबलों के लिए बीते तीन साल से सिरदर्द बना अबु दुजाना मंगलवार को अपने स्थानीय साथी आरिफ ललहारी संग हकरीपोरा पुलवामा में मारा गया। दुजाना की मौत के बाद पुलवामा में भीड़ और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। इसमें एक प्रदर्शनकारी फिरदौस अहमद की मौत हो गयी। एक दर्जन से ज्यादा जख्मी भी हुए हैं। पुलवामा में मुठभेड़ के बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के द्वारा प्रेस कांफ्रेंस की गयी है। पत्रकारों से बात करते हुए सेना की ओर से जीओसी जेएस संधू और कश्मीर रेंज के आइजी मुनीर खान ने पत्रकारों को आॅपरेशन की जानकारी दी। मीडिया से बात करते हुए आइजी ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान एक बार फिर हिंसक प्रदर्शनों के जरिये बाधा पहुंचाने की कोशिश की गयी है। पुलिस के अनुसार एनकाउंटर के दौरान हिंसा के बीच कई लोग हवाई फायरिंग के दौरान घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि पथराव हो या न हो, बाधा आए या न आये, हमारे आॅपरेशंस जारी रहेंगे।
आइजी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आतंकी मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोग मुठभेड़ स्थल के आसपास न जायें। 15 कॉर्प्स के जीओसी जेएस संधु और कश्मीर आइजी मुनीर ने कहा कि दुजाना इलाके में आतंक बन गया था। संधु के अनुसार अबु दुजाना लश्कर का ए++ कैटेगरीवाला आतंकी था।
प्रदर्शनकारियों ने सिक्यूरिटी फोर्सेस पर किया पथराव
आतंकियों की मौत के विरोध में 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों ने सिक्यूरिटी फोर्सेस पर पथराव किया। जवाबी कार्रवाई में 2 लोग घायल हो गये। लॉ एंड आॅर्डर बनाये रखने के लिए जम्मू-कश्मीर में स्कूल-कॉलेज और इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गयी हैं।
15 लाख का था इनाम
वर्ष 2013 के दौरान कश्मीर में सक्रिय हुआ था। गिलगित-बाल्तीस्तान का रहनेवाला दुजाना उर्फ हाफिज ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर वर्ष 2015 में बीएसएफ के काफिले पर हुए हमले की साजिश में भी अहम भूमिका निभायी थी और उसे अबु कासिम के मारे जाने के बाद लश्कर ने दक्षिण कश्मीर का डिविजनल कमांडर बनाया था।