“गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में पिछले 5 दिनों में 63 बच्चों की मौत के मामले में योगी सरकार कार्रवाई के मूड में आ गई है। ”
उत्तर प्रदेश सरकार ने लापरवाही बरतने के चलते गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यह जानकारी दी है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट किया है। स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित करने के फैसले से स्पष्ट है कि यूपी सरकार किसी न किसी स्तर पर हुई लापरवाही की बात स्वीकर कर रही है।
पांच दिन के अंदर कथित तौर पर 63 बच्चों की मौत के लिए अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप होने को प्रमुख वजह बताया जा रहा है। खबरों के मुताबिक, बकाया भुगतान न मिलने पर ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी ने आपूर्ति रोक दी थी।
राज्य सरकार और अस्पताल प्रशासन ऑक्सीजन की कमी को बच्चों की मौत की वजह मानने को तैयार नहीं है। जबकि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पाइप लाइन ऑपरेटरों ने 10 अगस्त को ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल प्रशासन को अवगत करा दिया था। गोरखपुर न्यूजलाइन डॉट कॉम पोर्टल पर 10 अगस्त को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन संकट की खबर भी छापी थी। इसी दिन यानी गुरुवार को अस्पताल में 23 बच्चों की मौत हुई। इससे पहले एक अगस्त को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड भी 63 लाख रुपये का बकाया भुगतान न होने की स्थिति में आपूर्ति जारी रखने में असमर्थता जाहिर कर चुकी थी।
अस्पताल के आला अधिकारियों को लिखे पत्र में पाइप लाइन विभाग के ऑपरेटरों ने कहा था कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी ने पिछला भुगतान न होने का हवाला देते हुए लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति करने से मना है। तत्काल ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने पर समस्त वार्डों में भर्ती मरीजों की जान का खतरा है।
इस बीच, मामले पर सियासत गरमा गई है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने में जुटे हैं। बच्चों की मौत पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे थे।