रांची: विधानसभा में गुरूवार को 38 मिनट तक पक्ष और विपक्ष में तकरार होता रहा। शीतकालीन, बजट और अब मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ रहा था। मानसून सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष सीएनटी-एसपीटी पर हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष इस विधेयक को लेकर सरकार को सदन में स्थिति स्पष्ट करने के लिए दबाव बना रहा था। नतीजा हुआ कि 38 मिनट तक दोनों के बीच तकरार, हो-हंगामा और आरोप-प्रत्यारोप के खूब तीर चले। मुख्यमंत्री के सीएनटी-एसपीटी पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करने के बाद हंगामा शांत हुआ। इसके बाद कार्यवाही सुचारू हो पायी। हालांकि हंगामा के कारण पहली पाली में 48 मिनट तक कार्यवाही बाधित रही।

स्थानीय को नौकरी में मिलेगी प्राथमिकता: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि स्थानीय को थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी में प्राथमिकता मिलेगी। सरकार राज्य के विस्थापितों को भी प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध करायेगी। युवक युवतियों को स्किल्ड कर रोजगार देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। सबको रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। दरअसल झामुमो विधायक योगेंद्र प्रसाद ने ध्यानाकर्षण के दौरान सवाल उठाया था कि टीवीएनएल में 49 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। इसमें विस्थापितों को कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। इसके जवाब में मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि 462 में 460 को नौकरी दे दी गयी है। कर्मचारियों को पदोन्नति भी मिली है।
जजा भाषा के 51 शिक्षकों के मामले में कानूनी राय लेगी सरकार: सीएम
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा के 51 शिक्षकों के मामले में सरकार कानूनी राय लेकर आगे की कार्रवाई करेगी। यह सवाल झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने उठाया था। उन्होंने कहा कि अब तक इन शिक्षकों की प्रोन्नति लंबित है। इस पर शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा कि जेपीएससी ने 2006 में इन शिक्षकों समंजन किया है। तब से ही उन्हें लाभ दिया जा रहा है, जबकि ये नियुक्ति तिथि 1989 से सेवा गणना की मांग कर रहे हैं।

सीएनटी-एसपीटी पर स्थिति स्पष्ट करे सरकार: हेमंत

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे। एक ओर सदन के बाहर संसदीय कार्य मंत्री कहते हैं कि इसमें कोई संशोधन नहीं होगा। जब सदन चल रहा है, तो सरकार को सदन में इसकी घोषणा करनी चाहिए। ऐसा नहीं होने से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन नहीं किये जाने की बात से राज्य में खुशियां मनने लगी है। हेमंत ने मीडिया से कहा कि विपक्ष जनभावना के साथ खड़ा है। आज जनाक्रोश के कारण ही सरकार को सीएनटी-एसपीटी में संशोधन को पेंडिंग रखना पड़ा है। अब सरकार भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन लाकर जमीन लेना चाहती है। सरकार पूरी तरह से आदिवासी और मूलवासियों को समाप्त करना चाहती है। हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार के मंत्रियों को बहुमत का घमंड नहीं पालना चाहिए। राज्य की जनता समय आने पर इन्हें दिखा देगी।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version