Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Thursday, June 5
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राजनीति»शिवसेना ने NRC पर केन्द्र का दिया साथ
    राजनीति

    शिवसेना ने NRC पर केन्द्र का दिया साथ

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskAugust 3, 2018No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    नयी दिल्ली। राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे पर केन्द्र का साथ देते हुए शिवसेना ने आज सवाल किया कि ‘असम से विदेशी नागरिकों को बाहर निकालने वाली सरकार क्या डेढ़ लाख कश्मीरी पंडितों की घर वापसी का साहस दिखाएगी? शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि विदेशी नागरिकों को चुनकर बाहर निकालने का काम देशभक्ति का ही है और ऐसी हिम्मत दिखाने के लिए हम केन्द्र सरकार का अभिनंदन कर रहे हैं। विदेशी नागरिक फिर चाहे वे बांग्लादेशी हों अन्यथा श्रीलंका के, पाकिस्तानी हों या म्यामां के रोहिंग्या मुसलमान… उन्हें देश से बाहर निकालना ही होगा।

    बिगड़ती जा रही है कश्मीर की स्थिति
    सामना ने अपने संपादकीय में लिखा कि असम में जो कुछ हो रहा है, वह जम्मू-कश्मीर में भी हुआ होता तो देश के घर-घर पर हिन्दुत्व का भगवा ध्वज लहराने के लिए जनता मुक्त हो गयी होती। असम में एनआरसी का अंतिम मसौदा जारी होने के बाद राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो गयी है। भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल, दोनों ही एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। सामना ने लिखा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल सिर्फ असम के 40 लाख घुसपैठियों तक सीमित नहीं है। कश्मीर की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है तथा पाकिस्तान में इमरान खान का मुखौटा धारण कर फौजी शासन आने से खतरा और अधिक बढ़ गया है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleरघुवर दास ने 2645 अवर निरीक्षकों को दिया नियुक्ति पत्र
    Next Article 13 साल की लड़की से 11 लोगों ने किया गैंगरेप
    azad sipahi desk

      Related Posts

      राज्यपाल ने पर्यावरण दिवस व गंगा दशहरा की दी शुभकामनाएं

      June 5, 2025

      युवा पीढ़ी राष्ट्र की असली पूंजी हैं : राज्यपाल

      June 3, 2025

      अरुणाचल प्रदेश के स्पीकर के संग झारखंड के विधायकों ने स्थानीय और नियोजन नीति पर की चर्चा

      June 3, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि
      • लैंड स्कैम : अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बेल
      • राज्यपाल ने पर्यावरण दिवस व गंगा दशहरा की दी शुभकामनाएं
      • देश में कोरोना के सक्रिय मामले बढ़कर हुए 4866, पिछले 24 घंटे में 7 लोगों को मौत
      • प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित प्रमुख नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version