रांची. स्कूलों के मर्जर के मामले में दायर जनहित याचिका को झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को निष्पादित कर दिया। कम छात्रों वाले स्कूल को नजदीकी दूसरे स्कूल में मर्ज किए जाने के मामले को कोर्ट ने कहा कि यह सरकार का सुविचारित निर्णय है, इसमें कोर्ट के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं।

कोर्ट ने निष्पादित की याचिका : इस संबंध में दिनेश कुमार षाड़ंगी ने एक जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि सरकार स्कूलों में बच्चों की संख्या कम बताकर इन्हें बंद कर रही है, इससे कई स्कूल बंद हो जाएंगे, बच्चों को पढ़ाई के लिए दूर जाना होगा, इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो सकती है। याचिका में बताया गया था कि शिक्षा के अधिकार के तहत ये स्कूल खोले गए थे, लक्ष्य था बच्चों को उनके घर के समीप स्कूल मिले, कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं हो पर सरकार अब अपने ही उद्देश्य से पीछे हटकर हजारों की संख्या में स्कूलों को बंद कर रही है, इससे बच्चों के शिक्षा पर दुष्प्रभाव पड़ेगा इसे रोकने का आदेश दिया जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता और सरकार का पक्ष सुनने के बाद इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया, याचिका निष्पादित कर दी।

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