कोलकाता। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 89 साल के थे। उनका स्वास्थ्य कुछ महीनों से ठीक नहीं था। जुलाई में हेमोरेजिक स्ट्रोक के बाद उनका 40 दिन तक इलाज चला था। छह अगस्त को ही अस्पताल से छुट्टी मिली थी। किडनी की दिक्कत बढ़ने के चलते नौ अगस्त को उन्हें फिर कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक रविवार सुबह डायलिसिस के दौरान चटर्जी को हार्ट अटैक आया था। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गयी। चटर्जी 1968 से माकपा में थे। 23 जुलाई 2008 को चटर्जी को माकपा से निष्कासित कर दिया गया। चटर्जी 1971 में माकपा के समर्थन से निर्दलीय सांसद बने थे। वे सबसे लंबे वक्त तक सांसद रहनेवाले नेताओं में शामिल रहे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शोक व्यक्त किया। वे 10 बार सांसद चुने गये। सिर्फ 1984 में वे ममता बनर्जी से जाधवपुर सीट से हार गये थे। इसके बाद 1989 से 2004 तक जीत का सिलसिला जारी रहा। 2004 में वे 14वीं लोकसभा में 10वीं बार सांसद चुने गये। 1996 में उन्हें उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला। सोमनाथ 2004 में आम सहमति से लोकसभा स्पीकर बने। वे इस पद पर 2009 तक रहे।