रांची. शहर में चिकनगुनिया-डेंगू के पीड़ितों की संख्या अधिक है। लेकिन सरकारी आंकड़े में इसे कम दिखाया जा रहा है। ये बातें शनिवार को हिंदपीढ़ी में चिकनगुनिया-डेंगू से प्रभावित इलाके का दौरा करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सह झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कही। उन्होंने कहा कि हेल्थ कैंप में वैसे लोगों काे ही ब्लड जांच के लिए लिया जा रहा है, जो अधिक बीमार हैं। जबकि, यहां आने वाले सभी मरीजों के लक्षण चिकनगुनिया और डेंगू होने के संकेत दे रहे हैं।
जिनमें बीमारी को लक्षण हो, उनका ब्लड टेस्ट कराना चाहिए
उन्होंने कहा- बुखार, बदन (जोड़ो में दर्द ) बदन में लाल दाना जैसे चिन्ह चिकनगुनिया के लक्षण ही है। ऐसे में प्रभावित लोग और क्षेत्र में बढ़ते मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सरकार को ऐसे सभी मरीजों का ब्लड टेस्ट कराना चाहिए, जिनमें उपरोक्त बीमारी के लक्षण पाए जा रहे हों। इस दौरा में मुख्य रूप से कांग्रेस नेता शमशेर आलम, जेवीएम के केंद्रीय सचिव राजीव रंजन मिश्रा, पार्षद साजदा खातुन, मीडिया प्रभारी तौहीद आलम, रांची महानगर प्रवक्ता नदीम इक़बाल, दीपू गाड़ी, सरवर खान, साजिद उमर और डाबर गद्दी सहित अन्य लोग शामिल थे।
प्रभावितों से मिले, शिविर के डॉक्टर से जानी स्थिति
बाबूलाल अपने दौरे के दौरान बड़ी मस्जिद उर्दू स्कूल और गद्दी एकेडमी के हेल्थ कैंप में जाकर प्रभावित मरीजों से मुलाकात की। उनसे बीमारी और इलाज के संबंध में जानकारी हासिल की। स्थानीय लोगों ने बताया कि हिंदपीढ़ी क्षेत्र में पिछले एक माह से चिकनगुनिया/डेंगू से महामारी फैली है। इस दौरान बाबूलाल कैंप में मौजूद डॉक्टर की टीम से भी बातकर स्थिति जानी।
महामारी को रोकने के लिए ठोस उपाय करे सरकार
बाबूलाल ने राज्य सरकार से हिंदपीढ़ी सहित रांची के सभी प्रभावित क्षेत्रों में व्यपक अभियान चला कर इस महामारी के रोकथाम के लिए ठोस उपाय करने की मांग की। उन्होंने राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि रिम्स, सदर अस्पताल एवं गैर सरकारी अस्पताल के सभी डॉक्टर्स की टीम इस बीमारी के रोकथाम के लिए प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाकर इन बीमारियों को रोका जा सकता है। सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस बीमारी से किसी की जान न जाए।